अतिक्रमण से मछुआरों के जीविकोपार्जन पर संकट
बसाव मठिया के पास अतिक्रमित तालाब. बक्सर : मछुआरों के जीवन स्तर को सुधारने को लेकर सरकार कई योजनाओं को लागू कर रही है़ वहीं शहर में ऐसे कई तालाबें हैं जो अतिक्रमित हैं और यहां मछुआरे मछली पालन नहीं करते हैं. यह अतिक्रमण स्थानीय लोगों द्वारा लगातार किया जा रहा है़ लोग तालाबों को […]
बसाव मठिया के पास अतिक्रमित तालाब.
बक्सर : मछुआरों के जीवन स्तर को सुधारने को लेकर सरकार कई योजनाओं को लागू कर रही है़ वहीं शहर में ऐसे कई तालाबें हैं जो अतिक्रमित हैं और यहां मछुआरे मछली पालन नहीं करते हैं. यह अतिक्रमण स्थानीय लोगों द्वारा लगातार किया जा रहा है़ लोग तालाबों को भरते जा रहे और अपने मनमाफिक अतिक्रमण करते जा रहे हैं. जिला मत्स्य विभाग ने अतिक्रमण हटाने को लेकर कई बार अंचलाधिकारी को पत्र लिख चुका है़ बावजूद इसके बक्सर अंचल विभाग तालाबों से अतिक्रमण नहीं हटा सका़
ये तालाब हैं अतिक्रमित
नया बाजार स्थित मितो पोखरा, बसांव मठिया के सामने विश्राम पोखरा, स्टेशन रोड स्थित सीनेटरी गड़हा, मल्लाह टोली स्थित चमरगड़ही अतिक्रमण की चपेट में है़ यहां कुछ वर्षों पहले इन तालाबों में मछुआरे मछली पालन करते थे़ लोग बताते हैं कि इन तालाबों में अच्छा-खासा मछली का उत्पादन होता था़ पर धीरे-धीरे यहां के स्थानीय लोगों ने इसे अतिक्रमित कर लिया और आज तालाबों पर मकान भी बन चुके हैं. विश्राम पोखरे को तो नगर पर्षद ने ही डंपिंग जोन बना कर भर दिया़ ऐसे में यदि इसे पुन: जीर्णोद्धार कराया जाता है, तो लाखों रुपया खर्च हो सकता है़ नया बाजार के मितो पोखरे को लोगों ने चारों तरफ से अतिक्रमण कर रखा है़ पोखरे को लगातार भरा जा रहा है और उसमें अपने मकानों का विस्तार भी दिया जा रहा है़ इसके अलावे चमरगड़ही और सीनेटरी गड़हा का हाल भी यही है़ बावजूद इसके प्रशासन लापरवाह बना हुआ है़
क्या कहते हैं पदाधिकारी
जिले भर के अतिक्रमित तालाबों को मुक्त कराने के लिए अंचलाधिकारी को पत्र लिखा गया है पर अब तक कुछ नहीं हो पाया़ यदि तालाब अतिक्रमणमुक्त हो जाता, तो मछुआरों के लिए काफी ठीक रहता़
नागेंद्र कुमार, मत्स्य पदाधिकारी