वर्ष के अंतिम दिन भी बक्सर की जमीन पर खून के छींटे
बक्सर : साल 2016 जाते-जाते प्रशासन को चुनौती दे गया कि आने वाला 2017 बेहद चुनौतीपूर्ण होने वाला है. शनिवार की सुबह अभी पूरी तरह पौ भी नहीं फटा था कि सख्त सुरक्षा व्यवस्था को धत्ता बताते हुए 5 बंदी सेंट्रल जेल से फरार हो गये. अभी इस मामले में पुलिस कोई कार्रवाई कर ही […]
बक्सर : साल 2016 जाते-जाते प्रशासन को चुनौती दे गया कि आने वाला 2017 बेहद चुनौतीपूर्ण होने वाला है. शनिवार की सुबह अभी पूरी तरह पौ भी नहीं फटा था कि सख्त सुरक्षा व्यवस्था को धत्ता बताते हुए 5 बंदी सेंट्रल जेल से फरार हो गये. अभी इस मामले में पुलिस कोई कार्रवाई कर ही पाती कि अतिव्यस्ततम इलाके में अपराधियों ने एक प्राचार्य के भतीजे को गोलियों से भून डाला. पूरी तरह प्रशासन इस घटना के बाद सकते में है.
एक तरफ साल के अंतिम दिन बक्सर में उड़े खून के छींटे ने सबको सकते में डाल दिया है. विदित हो कि 2 माह पहले भी हरेंद्र सिंह की हत्या इसी जगह पर गोली मारकर नक्सलियों द्वारा कर दी गयी थी. दो माह बाद हुए इस तरह के वारदात से आसपास के लोगों में दहशत का माहौल है. अपराधियों और बंदियों ने जिस तरह से दुसाहस का परिचय दिया है उससे यह लगता है कि आने वाला 2017 पुलिस के लिए काफी चुनौतीपूर्ण रहेगा.
क्या कहते हैं एसएचओ