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बक्सर जेल से 5 कैदी फरार मामले में जेल अधीक्षक जांच के घेरे में, होगी यह कार्रवाई

बक्सर : बक्सर सेंट्रल जेल से फरार हुए कुख्यात पांच बंदियों के भागने में लापरवाही को जांच टीम ने सबसे बड़ा वजह माना है. संयुक्त सचिव सह निदेशक प्रशासन गृह कारा विभाग के राजीव वर्मा ने जांच रिपोर्ट जेल आइजी को सौंप दी है. अब बक्सर सेंट्रल जेल सुपरिटेंडेंट पर गाज गिरनी तय मानी जा […]

बक्सर : बक्सर सेंट्रल जेल से फरार हुए कुख्यात पांच बंदियों के भागने में लापरवाही को जांच टीम ने सबसे बड़ा वजह माना है. संयुक्त सचिव सह निदेशक प्रशासन गृह कारा विभाग के राजीव वर्मा ने जांच रिपोर्ट जेल आइजी को सौंप दी है. अब बक्सर सेंट्रल जेल सुपरिटेंडेंट पर गाज गिरनी तय मानी जा रही है.

चार पन्ने की सौंपी गयी इस रिपोर्ट में यह बात सामने आयी है कि भारी पैमाने पर सुरक्षा में चूक हुई है, जिसका फायदा बंदी उठाकर फरार हो गये. इधर फरार बंदियों की गिरफ्तारी को लेकर पुलिस कई जगहों पर छापेमारी की, लेकिन अब तक उनका कोई भी सुराग नहीं मिल पाया है. पुलिस उनकी गिरफ्तारी के लिए पांच टीमें गठित की हैं. जांच रिपोर्ट में इस बात का जिक्र किया गया है कि आखिर बंदियों के पास रड और रस्सी कैसे पहुंचा. इसमें कहीं-न-कहीं जेल कर्मियों की भी मिलीभगत हो सकती है. पहले दिन ही संयुक्त सचिव सह निदेशक गृह कारा विभाग के राजीव वर्मा ने बताया था कि लापरवाही के कारण ही बंदी फरार होने में सफल रहे हैं.
इस मामले में कारा प्रशासन ने त्वरित कार्रवाई करते हुए एक जमादार समेत दो कक्षपालों को निलंबित कर दिया था. रिपोर्ट आइजी को सौंपी गयी है, जिसके बाद गृह विभाग को भेजा जायेगा. इसके बाद जेल सुपरिटेंडेंट पर गाज गिरनी तय है. इधर बंदियों के फरार होने के बाद जेल की सुरक्षा व्यवस्था चाक-चौबंद कर दी गयी है.
कैसे पहुंचे कैदियों के पास पाइप और रड : बंदी चादर और गमछे के सहारे रड से खिड़की तोड़ कर फरार हो गये थे. आखिर इन बंदियों के पास रड और पाइप कहां से पहुंचा. यह अहम सवाल बना हुआ है. कहीं-न-कहीं इस मामले में जेल कर्मियों की मिलीभगत से भी इनकार नहीं किया जा सकता है. जिस तरह से कैदी फरार हैं उससे साफ जाहिर है कि इसके पहले कैदियों ने पूरी तरह से प्लानिंग की थी. प्लानिंग करने के बाद किसी-न-किसी जेल कर्मी को सामान पहुंचाने तक मिलाया होगा. इसके बाद घटना को अंजाम देकर फरार हो गये.
कैदियों पर भरोसा करना जेल प्रशासन को पड़ा महंगा : जो पांच कैदी शनिवार की अहले सुबह फरार हुए हैं, उन पर कारा प्रशासन काफी भरोसा करता था. कारा प्रशासन द्वारा कैदियों को कारा में आने जाने की छूट दी गयी थी.
उन्हें कारा के कई महत्वपूर्ण कार्य में लगाया गया था. उन्हें कारा के किसी भी स्थान पर आने-जाने की छूट थी, जिसका लाभ उठाते हुए जेल से फरार होने की उन लोगों ने जेल से फरार होने की योजना बना डाली. इसमें महत्वपूर्ण भूमिका बक्सर के सोनू सिंह की मानी जा रही है. उसके पिता द्वारा समय-समय पर धोती पहुंचाया जाता था. इस संबंध में काराधीक्षक एसके चौधरी ने बताया कि सभी कैदी टीवी वार्ड में रहते थे. उसमें और भी कैदी व बंदी हैं. उसमें पूर्व में अस्पताल चलता था. उसमें सभी कैदी एक साथ नहीं गए.
मोबाइल पर भी चल रहा था खेल
केंद्रीय कारा में छापेमारी के दौरान कई बार मोबाइल पुलिस व कारा प्रशासन ने बरामद किया. इस वजह से कारा में मोबाइल होने की संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता. जिस तरीके से कैदियों ने घटना को सफलतापूर्वक अंजाम दिया, वह उनकी सुनियोजित योजना को थी. मोबाइल से अपने सगे संबंधियों से संपर्क साध कर उनसे मदद मांगने की संभावना है. इसमें सुरक्षा कर्मियों की गतिविधियां भी संदेह के दायरे में है.
उत्तरप्रदेश की तरफ भागे हैं जेल से फरार कैदी
फरार कैदियों की गिरफ्तारी के लिए साइबर सेल की मदद ली जा रही है़ इसके साथ ही दो दर्जन से ज्यादा मोबाइल को सर्विलांस पर रखा गया है़ उन्होंने बताया कि पुलिस को शक है कि कैदी यूपी की ओर गये हैं़
उपेंद्र शर्मा,एसपी

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