बक्सर : धार्मिक एवं आस्था की नगरी में 27 जनवरी को आस्था का सैलाब पांच राज्यों से उमड़ पड़ेगा. 27 को मौनी अमावस्या है. इस अवसर पर पांच राज्यों से श्रद्धालु बक्सर स्नान करने के लिए आयेंगे. जुटनेवाली भीड़ के आगे रामरेखाघाट छोटा पड़ जाता है. इन श्रद्धालुओं की श्रद्धा को पूर्ण कराने में पंडों की सहभागिता रहती है.
लेकिन पंडों की श्रद्धालुओं के लिए लगाये गये मचानों से घाट पर अतिक्रमण का माहौल कायम हो गया है. इसके कारण श्रद्धालुओं को काफी परेशानी का सामना करना पड़ता है. एक ही पंडा बाबा द्वारा दर्जनों मचान लगा दिया गया है, जिससे पूरा घाट ही अतिक्रमण की चपेट में आकर मचानमय हो गया है. इस अतिक्रमण पर प्रशासन का कोई कार्रवाई नहीं होती है. इस कारण मचानों की संख्या इतनी अधिक हो गयी है कि घाट पर जगह ही सिमट गया है.
घाट पर लगा दर्जनों मचान
श्रद्धालुओं की श्रद्धा को पूर्ण करानेवाले बाबा लोगों ने ज्यादा- से- ज्यादा दक्षिणा पाने के लिए एक दो नहीं बल्कि दर्जनों मचान लगा दिये हैं. इससे रामरेखाघाट काफी सिमट गया है. अमावस्या के अवसर पर जुटनेवाली भीड़ को काफी परेशानी का सामना करना पड़ेगा. इस मौके पर पांच राज्यों से लाखों लोग पहुंचते हैं.
प्रशासन बना है उदासीन
जिला प्रशासन ने पहल कर घाट पर पूजा करानेवाले पंडा बाबा को ड्रेस कोड एवं पहचान पत्र निर्गत किया है. इससे श्रद्धालुओं को कोई परेशानी नहीं हो.
अब जिला प्रशासन को धार्मिक आयोजनों को देखते हुए घाट पर बेतरतीब ढंग से लगाये गये मचानों को सीमित कर देना चाहिए, जिससे श्रद्धालुओं को अनावश्यक परेशानी का सामना नहीं करना पड़े.
कहते हैं लोग
बाहर से रामरेखाघाट पर स्नान करने आये श्रद्धालुओें राम कुमार एवं दिनेश कुमार ने बताया कि मचानों की वजह से घाट सिमट गया है.
श्रद्धालुओं के लिए काफी कम जगह है. गंगा में जाने के लिए काफी परेशानी हो रही है.