डुमरांव़ : सूबे की सरकार शिक्षा व्यवस्था में सुधार को लेकर हर रोज नयी-नयी व्यवस्थाएं लागू कर रही है, लेकिन धरातल पर शिक्षा व्यवस्था में काफी लापरवाही व अनियमितता देखने को मिल रही है़ एेसा ही एक मामला प्रखंड के नेनूआं गांव स्थित बांके बिहारी संस्कृत हाइ स्कूल में आया है़ इस विद्यालय के सारे अभिलेख वर्षों से गायब हैं, फिर भी विभाग द्वारा सुविधाएं प्रदान की जाती है़ ताज्जुब की बात है कि इस मामले को लेकर विभाग ने जिला स्थापना शिक्षा पदाधिकारी से जांच करायी गयी
थी जांच में अनियमितता व अभिलेखों के प्रस्तुत नहीं किये जाने के बाद भी विभाग द्वारा अब तक कोई कार्रवाई नहीं किये जाने से लोगों के बीच आक्रोश पनप रहा है़ इस मामले का खुलासा हुआ तब जब आरटीआइ कार्यकर्ता ओमप्रकाश तिवारी को इस संबंध में सूचना पदाधिकारी द्वारा सूचना उपलब्ध करायी गयी. विभागीय सूचना के अनुसार विद्यालय में नवम वर्ग में चौदह व दशम् वर्ग में दस छात्र-छात्राओं का ही नामांकन दर्ज है़ इसके साथ ही प्रधानाध्यापक द्वारा पूर्व से विद्यालय का गोपनीय अभिलेख नहीं मिलने की सूचना दी गयी है़
ऐसी स्थिति में आरटीआइ कार्यकर्ता ने एक बयान जारी कर कहा कि किस स्थिति में विभाग द्वारा सारी योजनाओं की राशि उपलब्ध करायी जाती है़ उन्होंने इस मामले में उच्च अधिकारियों से जांच की मांग की है़ वहीं दूसरी ओर प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी विजय कुमार की मानें तो इस मामले में वरीय अधिकारियों को सूचना दी गयी है़