दहेज के लिए हत्या में 10-10 वर्षों की सजा

बक्सर, कोर्ट : अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश छह उदय कुमार उपाध्याय ने हत्या के एक मामले में सास, ससुर को दस वर्ष की सश्रम कारावास की सजा सुनायी. मामला डुमरांव थाना के पुराना भोजपुर का है, जहां 16 दिसंबर 2014 को चंदा देवी को दहेज के लिए दिनदहाड़े जिंदा जला दिया गया था. बताते […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | February 11, 2017 8:43 AM

बक्सर, कोर्ट : अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश छह उदय कुमार उपाध्याय ने हत्या के एक मामले में सास, ससुर को दस वर्ष की सश्रम कारावास की सजा सुनायी. मामला डुमरांव थाना के पुराना भोजपुर का है, जहां 16 दिसंबर 2014 को चंदा देवी को दहेज के लिए दिनदहाड़े जिंदा जला दिया गया था. बताते चलें कि भोजपुर जिले के शाहपुर थाना के होरिल छपरा की रहनेवाली चंदा देवी की शादी कुछ माह पूर्व ही डुमरांव थाना के पुराना भोजपुर के रहनेवाले जितेंद्र चौधरी के साथ की गयी थी. शादी के बाद उसका पति रोजगार के सिलसिले में बंग्लोर चला गया था. इस बीच ससुर शिवदत्त चौधरी एवं सास संत मीरा देवी द्वारा चंदा देवी को दहेज के लिए प्रताड़ित किया जाने लगा. बेरहम सास, ससुर का कहना था कि शादी के पहले एक भर के सोने की चेन की बात दुल्हन के मैकेवालों ने की थी, लेकिन दहेज में अठन्नी भर का ही चेन दिया गया था.

16 दिसंबर 2014 को दिन के लगभग सुबह 10 बजे दानव का रूप ले चुके चंदा के सास-ससुर ने केरोसिन छिड़क कर उसके शरीर में आग लगा दी. बुरी तरह से जली अवस्था में चंदा ने पुलिस के समक्ष सारी घटना को दर्ज कराया. लगभग एक माह बाद उसकी मौत हो गयी. सुनवाई के दौरान कुल आठ गवाहों की गवाही दर्ज करायी गयी. न्यायालय ने इस हत्या को दहेज हत्या मानते हुए सास, ससुर को दस वर्ष के कारावास की सजा सुना दी. अभियोजन पक्ष की तरफ से अपर लोक अभियोजक विनोद कुमार सिंह ने बहस में हिस्सा लिया.

Next Article

Exit mobile version