जागरूकता. नागरिक प्रतिक्रिया के आधार पर शहर को मिलेगी रेटिंग
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स्वच्छता ऐप से शहर को बनाएं स्वच्छ
जागरूकता. नागरिक प्रतिक्रिया के आधार पर शहर को मिलेगी रेटिंग बक्सर : यदि आपके इलाके में गंदगी है. आपके घर से नगर पर्षद के कर्मी कचरा नहीं उठा रहे हैं. आप मोहल्ले के नालियों की सड़ांध से परेशान हैं. आपके आसपास सफाई की व्यवस्था मुकम्मल नहीं है, तो अब इसके लिए आपका स्मार्ट फोन मददगार […]
बक्सर : यदि आपके इलाके में गंदगी है. आपके घर से नगर पर्षद के कर्मी कचरा नहीं उठा रहे हैं. आप मोहल्ले के नालियों की सड़ांध से परेशान हैं. आपके आसपास सफाई की व्यवस्था मुकम्मल नहीं है, तो अब इसके लिए आपका स्मार्ट फोन मददगार साबित हो सकता है. इसके लिए केंद्रीय शहरी विकास मंत्रालय द्वारा ‘स्वच्छता एप’ लांच किया गया है. बक्सर सहित बिहार के 27 शहरों के लिए स्वच्छ सर्वेक्षण चार जनवरी, 2017 से शुरू हो चुका है. विभागीय अधिकारियों का कहना है कि नागरिक बढ़-चढ़ कर स्वच्छ सर्वेक्षण में भाग लें और ऑनलाइन लिंक पर फीडबैक फाॅर्म ओपन करके अपनी प्रतिक्रिया दें, तो शहर को जल्द ही स्वच्छ बनाया जा सकता है.
नागरिक प्रतिक्रिया में सबसे पहले आपसे यही पूछा जायेगा कि क्या आपको यह मालूम है कि आपका शहर स्वच्छ सर्वेक्षण में भाग ले रहा है, अगर हां तो इसके लिए 20 अंक मिलेंगे. इसी प्रकार पूछे जानेवाले सवालों का जवाब देकर आप अपने शहर को सबसे स्वच्छ शहरों की सूची में शामिल करवा सकते हैं.
अब तक 30 लोगों ने किया एेप का इस्तेमाल : अब तक शहर के करीब 30 लोगों ने स्वच्छता ऐप का इस्तेमाल किया है. अपने इलाके से गंदगी व सफाई से संबंधित अन्य तसवीरें अपलोड किये हैं.
ऐसे करें ऐप का इस्तेमाल
अगर कहीं पर सफाई संबंधी शिकायत है, तो उसके बारे में स्वच्छता एप के माध्यम से शिकायत भेज सकते हैं. यह एप स्मार्ट फोन पर गूगल प्ले स्टोर से डाउनलोड करें. इसके बाद ऐप में लॉगिंग करने पर मोबाइल नंबर दर्ज करना होगा. मोबाइल नंबर रजिस्टर्ड करने से पहले आपके फोन पर पासवर्ड आयेगा. एक बार रजिस्टर्ड करा आप शिकायत, सुझाव या स्वच्छता की रेटिंग कर सकते हैं. इस एप का अधिक-से-अधिक इस्तेमाल करने पर आपके शहर को 75 अंक दिये जायेंगे.
जितनी ज्यादा शिकायत उतनी सफाई पर ध्यान : शहरवासी स्वच्छता ऐप का जितना ज्यादा इस्तेमाल करेंगे. ऐप के माध्यम से शहर का कूड़ा, खुले नाले, मेनहोल, गंदगी, कचरा, भरे डस्टबीन आदि की जितनी अधिकाधिक तसवीरें भेजेंगे.
उस शहर को केंद्र सरकार द्वारा उसी अनुपात में सफाई के साधन-संसाधन मुहैया कराये जायेंगे. शहरवासियों ने स्वच्छता ऐप पर शहर की गंदी बस्तियों की तसवीर भेजी है, लेकिन नगर पर्षद ने उस शिकायत पर संज्ञान नहीं लिया है, जिससे लोगों के बीच आक्रोश है. हालांकि नगर पर्षद के कार्यपालक अभियंता ने बताया कि लोगों की शिकायतों का समाधान किया जायेगा.
क्वालिटी कौंसिल ऑफ इंडिया की टीम करेगी सर्वे : चार जनवरी से शुरू स्वच्छ सर्वेक्षण के लिए मंत्रालय द्वारा एक फीडबैक फाॅर्म जारी किया गया है, जिस पर कोई भी नागरिक अपने शहर की स्वच्छता संबंधी प्रतिक्रिया दे सकता है. पिछले दिनों आयी टीम ने प्राथमिक सर्वेक्षण रिपोर्ट भेजी है. शहर का सर्वे के बाद टीम ने अपने मोबाइल से फीडबैक और स्पॉट के लाइव फोटो सेटेलाइट से भेजे थे. स्वच्छता ऐप के इस्तेमाल में इजाफा का निर्देश दिया गया था. विभागीय सूत्रों की मानें, तो अप्रैल से पूर्व शहर की दुबारा रिपोर्ट तैयार की जायेगी. उसके बाद की स्थिति को लेकर पूरी रिपोर्ट केंद्र को दी जायेगी. टीम सर्वे के लिए शहर में दोबारा आयेगी.
सर्वे में ये होंगे मापदंड
इनमें झुग्गी झोंपड़ियों में रहनेवाले लोगों के लिए शौचालय का इंतजाम है या नहीं, सरकारी और गैरसरकारी स्कूलों में शौचालय हैं या नहीं, अगर है, तो साफ सुथरे हैं या नहीं, शहर के विभिन्न एरिया में रहनेवाले शहरवासियों की मानसिकता स्वच्छता के बारे में कैसी है, शहर में सफाई कर्मचारी पर्याप्त हैं या नहीं, कचरा उठाने के लिए पर्याप्त साधन हैं या नहीं, ट्रैकिंग सिस्टम के लिए जीपीएस है या नहीं, व्यावसायिक क्षेत्रों में डस्टबीन है या नहीं, डोर-टू-डोर कचरा संग्रहण के लिए स्थान चिह्नित हैं या नहीं, कचरा संग्रहण के लिए यूजर चार्जेंज का कलेक्शन किया जा रहा है या नहीं, अवकाश के दिन सफाई की व्यवस्था है या नहीं, निकाय क्षेत्र में रहनेवाले आमजन को सर्वेक्षण 2017 के बारे में जानकारी है या नहीं आदि सवाल पूछे जायेंगे.
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