मंगलेश तिवारी
बक्सर: अपने कार्यशैली को लेकर चर्चा में रहे बक्सर जिले के अधिकारी अपनी आदतों से बाज नहीं आ रहे हैं. अभी मुर्दों को पेंशन देने तथा सरकारी नौकरी वालों को राशन के आवंटन का मुद्दा अभी शांत नहीं हुआ कि मंगलवार को एक नया मामला सामने आ गया. इस बार मुर्दों द्वारा सरकारी जमीन के अतिक्रमण करने व उसे हटाने के लिए डुमरांव अंचलाधिकारी द्वारा जारी नोटिस चर्चा का विषय बना है. जी हां ! यह बात आपको सुनने में भले ही अटपटा लगे, लेकिन, सौ फीसदी सच है. डुमरांव अंचलाधिकारी अमरेंद्र कुमार ने मुर्दों को भी अतिक्रमण हटाने का नोटिस जारी करते हुए अपना पक्ष रखने की मोहलत दी है. अब सवाल यह है कि जो लोग वर्षों पहले दुनिया छोड़ गये. वे अंचल कार्यालय में उपस्थित होकर जवाब कैसे देंगे. जारी नोटिस में डुमरांव अंचल कार्यालय द्वारा 23 फरवरी को उपस्थित होने की तिथितय की है. चौकीदार के माध्यम से नोटिस भिजवा दिया गया है.
गन्ना विभाग की जमीन पर अतिक्रमण का मामला
मुर्दों को अतिक्रमण हटाने की नोटिस का मामला प्रखंड क्षेत्र के टुडीगंज स्थित सहकारिता विभाग के तहत पूर्व में खोले गये गन्ना विभाग के क्रय केंद्र का है. गौरतलब हो कि उक्त सरकारी जमीन पर वर्षों पुराना गन्ना विभाग का गोदाम भवन तथा खाली जमीन है. जिसपर कुछ लोगों ने अतिक्रमण किया है. यहीं अतिक्रमण हटाने के लिए नोटिस जारी किया गया है. जिसमें उड़िय़ानगंज निवासी हृदयानन्द सिंह, यूपी के बालियां निवासी बैजनाथ, नोनियापुरा निवासी हीरालाल नोनिया व मुटुर नोनिया, छतनवार निवासी जय प्रसाद तथा सोवां गांव निवासी हजारी प्रसाद का नाम शामिल है. इन लोगों में हृदयानन्द सिंह तथा मुटुर नोनिया को छोड़ अन्य सभी लोग काफी पहले ही दुनियां को अलविदा कह चुके हैं.
ग्रामीणों की शिकायत के आधार पर नोटिस
मुर्दों को नोटिस जारी करने वाले डुमरांव के अंचलाधिकारी अमरेन्द्र कुमार ने बताया कि ग्रामीणों की शिकायत के बाद अतिक्रमण हटाने संबंधी नोटिस जारी किया गया है. मृतकों के नाम से जारी नोटिस को चौकीदार वापस लेकर आ जायेगा. नोटिस की त्रुटि सुधार करते हुए उसे पुनः भेजा जायेगा.