शहीद के परिजनों से किये वादे भूल गयी सरकार

गांववालाों ने कहा, नहीं शुरू हुआ स्मृति द्वार का काम डुमरांव : शहीदों के मजार पर लगेंगे हर बरस मेले, वतन पर मरनेवालों का बाकी यही निशा होगा. यह स्लोगन सिर्फ उसी समय याद आता है, जब कभी वीर शहीद का शव उसके घर पर आता है. एक ऐसा ही वाक्या डुमरांव नगर वार्ड संख्या […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | April 12, 2017 3:31 AM

गांववालाों ने कहा, नहीं शुरू हुआ स्मृति द्वार का काम

डुमरांव : शहीदों के मजार पर लगेंगे हर बरस मेले, वतन पर मरनेवालों का बाकी यही निशा होगा. यह स्लोगन सिर्फ उसी समय याद आता है, जब कभी वीर शहीद का शव उसके घर पर आता है. एक ऐसा ही वाक्या डुमरांव नगर वार्ड संख्या आठ स्थित शहीद मर्द रोड की है. 10 माह पहले नक्सली मुठभेड़ में मारे गये शहीद अनिल कुमार सिंह का जब शव पहुंचा, तो परिवार में आंसू थमने का नाम नहीं ले रहे थे. वहीं, आंसू पोछनेवालों की कमी नहीं थी.
परिवार के आंसू पोछने व ढांढस बनानेवालों की लंबी कतार लगी थी. अपने-अपने तरीके से वादे करते रहे. इसी दौरान भारत सरकार के केंद्रीय राज्यमंत्री उपेंद्र कुशवाहा भी पहुंचे. उन्होंने परिवार को सांत्वना देते हुए वादे भी किये, लेकिन दस माह बाद नेताजी अपने वादे को भूल गये. यह वादा वो था जो डुमरांव के लोगों को अपने शहीद लाल का हमेशा नजरों में जीवंत रखे. शहीद मर्द रोड में शहीद अनिल के नाम पर बननेवाला गेट, लेकिन अभी तक इसको अमलीजामा नहीं पहनाया जा सका, जिसके कारण स्थानीय लोगों के साथ परिजनों में आक्रोश है.
क्या कहते हैं मुहल्लावासी : शहीद मर्द मुहल्लावासी एकराम खान, चांद शर्मा, सेराज अंसारी, सलाहुद्दीन खां, अर्जुन शर्मा, शहीद के भाई राजाराम, इजमामुद्दीन, सोनू सहित दर्जनों लोगों ने बताया कि 10 माह पहले नक्सली मुठभेड़ में अनिल सिंह शहीद हो गये, लेकिन अभी तक शहीद के नाम पर स्मृति द्वार का निर्माण नहीं हो सका. वहीं, इस संबंध में नगर पर्षद के चेयरमैन मोहन मिश्र ने बताया कि नप बोर्ड की बैठक में प्रस्ताव लाया गया. शहीद अनिल सिंह की याद में जल्द स्मृति द्वार बनेगा.

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