ऊं नम: शिवाय के जयघोष से गूंजा शहर
आस्था. कलशयात्रा व जलभरी के साथ 10 दिवसीय यज्ञानुष्ठान शुरू नाथ बाबा घाट पर गंगा में हुई जलभरी बक्सर : श्रीनाथ बाबा मंदिर की स्थापना की 50 वीं वर्षगांठ मनाने की शुरुआत जलभरी और शोभायात्रा के साथ बुधवार हो गयी. इसके साथ ही श्रीनाथ बाबा मंदिर में दस दिवसीय कार्यक्रम की शुरुआत की गयी. निर्धारित […]
आस्था. कलशयात्रा व जलभरी के साथ 10 दिवसीय यज्ञानुष्ठान शुरू
नाथ बाबा घाट पर गंगा में हुई जलभरी
बक्सर : श्रीनाथ बाबा मंदिर की स्थापना की 50 वीं वर्षगांठ मनाने की शुरुआत जलभरी और शोभायात्रा के साथ बुधवार हो गयी. इसके साथ ही श्रीनाथ बाबा मंदिर में दस दिवसीय कार्यक्रम की शुरुआत की गयी. निर्धारित समय से हजारों की संख्या में महिला पुरुष श्रद्धालु जलभरी एवं शोभायात्रा में शामिल होने के लिए मंदिर प्रांगण में पहुंच गये. श्रद्धालुओं के आस्था के सामने चिलचिलाती धूप भी नतमस्तक दिखी. शोभायात्रा में तपती धूप में लोग हाथों में कलश एवं झंडा लेकर नंगे पांव सड़क पर चलते रहे. वहीं, मंदिर प्रबंधन द्वारा श्रद्धालुओं की इस समस्या को देखते हुए आगे आगे एक पानी टैंकर लगाया गया था,
जो पानी गिरा कर सड़क की तपिश को कम करने का प्रयास किया. स्थानीय श्रद्धालुओं के साथ देश के अन्य हिस्से से आये साधु संतों की टोली भी शामिल थी. शोभायात्रा गाजे-बाजे के साथ श्रीनाथ बाबा मंदिर से निकलकर वीर कुंवर सिंह चौक, रामरेखाघाट रोड, पीपी रोड, यमुना चौक से मेन रोड होते हुए शोभायात्रा पुन: श्रीनाथ बाबा मंदिर पहुंच गया. शोभायात्रा में पहली पंक्ति में घोड़ों का काफिला शामिल था. शोभायात्रा में शामिल श्रद्धालुओं के ओम नम: शिवाय के जयकारे से पूरा नगर भक्तिमय हो गया था. शोभायात्रा में कलश के साथ श्रद्धालु ओम नम: शिवाय लिखे पीला एवं लाल झंडा हाथ में लिये चल रहे थे. संध्या के समय में अरणी मंथन के साथ दस दिवसीय अतिरुद्र महायज्ञ की शुरुआत हो गयी.
शोभायात्रा में हजारों लोग हुए शामिल : श्रीनाथ बाबा मंदिर से निकले जलभरी एवं शोभायात्रा में हजारों की संख्या में महिला पुरुष श्रद्धालु शरीक हुए. शोभायात्रा मंदिर प्रांगण से सुबह ग्यारह बजे करीब निकला और पूरे नगर में भ्रमण कर पुन: मंदिर परिसर में पहुंच समाप्त हो गया. शोभायात्रा काफी आकर्षक एवं शालिन तरीके से निकला. श्रद्धालुओं के हाथों में झंडे एवं कलश विशेष आकर्षण पैदा कर रहे थे. शोभायात्रा में शामिल नहीं होनेवाले लोग सड़क किनारे एवं घर के छतों से नजारे का लुफ्त उठाते नजर आये.