यज्ञ से होती है पंचतत्व की शुद्धि

बक्सर : आध्यात्मिक नगरी इन दिनों अतिरुद्र महायज्ञ में हो रहे वैदिक मंत्रोच्चार से गुंजायमान हो रही है. वैदिक मंत्रोच्चार आचार्य युगल किशोर चतुर्वेदी के नेतृत्व में काशी से पधारे विद्धान आचार्यों द्वारा किया जा रहा है. अहले सुबह से ही कार्यक्रम शुरू हो जा रहे हैं. मंत्रोच्चार के बीच साधु संतों ने बैंड बाजे […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | April 22, 2017 7:51 AM

बक्सर : आध्यात्मिक नगरी इन दिनों अतिरुद्र महायज्ञ में हो रहे वैदिक मंत्रोच्चार से गुंजायमान हो रही है. वैदिक मंत्रोच्चार आचार्य युगल किशोर चतुर्वेदी के नेतृत्व में काशी से पधारे विद्धान आचार्यों द्वारा किया जा रहा है.

अहले सुबह से ही कार्यक्रम शुरू हो जा रहे हैं. मंत्रोच्चार के बीच साधु संतों ने बैंड बाजे के साथ यज्ञ मंडप की परिक्रमा कर रहे हैं. नगर में भक्ति का प्रवाह अनवरतरूप से प्रवाहित हो रहा है. भक्ति का यह रस अगले 27 अप्रैल तक लोगों को मिलता रहेगा. कथा व्यास आचार्य गोपाल कृष्ण सत्यम महाराज ने कथा मंच से ब्रह्मा की व्यापकता पर विस्तृत चर्चा की. अहले सुबह शुरू हुए कार्यक्रम देर रात कथा वाचन के साथ विराम लिया. कथा श्रवण के लिए काफी संख्या में लोग देर रात्रि तक जमे रहते हैं.

कार्यक्रम नगर के चरित्रवन स्थित श्रीनाथ बाबा मंदिर प्रांगण श्रीचंद्रमौलिश्वर महादेव के स्थापना के 50 वें वार्षिकोत्सव के रूप में चल रहा है. नियमित रूप से प्रतिदिन श्रीचंद्रमौलिश्वर महादेव तथा श्रीमणि लिंग का विशेष प्रकार से रुद्राभिषेक किया जा रहा है.

वहीं, देर रात महामंडलेश्वर योगी शीलनाथ जी महाराज ने शिव पुराण कर पद्य बंध कथा का श्रवण श्रद्धालु को कराये. यज्ञ की शुरुआत के साथ ही मंदिर परिसर में संत समाज द्वारा अखंड कीर्तन का आयोजन भी किया गया है. अखंड कीर्तन उॅ नम: शिवाय मंत्र से काफी अच्छा लग रहा है. अखंड कीर्तन के लिए कुल छह मंडलियां लगी हुई हैं. सामान्य जन यज्ञशाला की परिक्रमा कर पुण्य लाभ पा रहे हैं.

परिक्रमा के लिए अहले सुबह से ही हजारों महिला पुरुष श्रद्धालुओं की भीड़ लग जाती है. इस विशेष यज्ञ के फल का लाभ पाने के लिए बहुत भी भीड़ लगी रहती है. परिक्रमा के लिए लोगों की पूरे दिन भीड़ लगी रहती है. इसके साथ ही मंदिर परिसर में आनेवाले भक्त व श्रद्धालुओं के लिए मंदिर परिसर की ओर से सूखा प्रसाद की भी व्यवस्था की गयी है. पुरातन काल से सृष्टि की एवं समाज में रहने वाले लोगों की शुद्धि के लिए ही यज्ञ व हवन का आयोजन किया जाता है. वायुमंडल में मौजूद पंचतत्व लगातार प्रदूषित होते जा रहे है जिससे रक्षा के लिए ही यज्ञ का आयोजन किया जाता है. हवन से वायुमंडल की शुद्धिकरण, वैदिक मंत्रोच्चार से आकाश की शुद्धिकरण, हवन के भस्म से पृथ्वी की शुद्धिकरण, यज्ञ में प्रयुक्त कलश जल से जल की शुद्धि एवं अरणिमंथन से अग्नि की शुद्धि की जाती है.

कहतें है महामंडलेश्वर

कार्यक्रम के संबंध में महामंडलेश्वर योगी शीलनाथ ने बताया कि श्रीचंद्रमौलीश्वर बाबा ने बताया कि श्रीनाथ बाबा का जीवन बक्सर के कल्याण के लिए ही गुजर गया. बाबा ने ही पचास वर्षों पूर्व श्रीचंद्रमौलीश्वर महादेव की स्थापना किये थे. जिसकी 50 वीं वर्षगाठ मनाया जा रहा है. शीलनाथ महाराज ने कहा कि मन, वचन, कर्म की पवित्रता को जीवन के लिए आवश्यक बताते हुए यज्ञ के द्धारा समस्त ब्रहांड की शुद्धि की प्रक्रिया का वर्णन किया.

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