स्वच्छ शहरों की सूची में बक्सर का 327वां स्थान

स्वच्छता सर्वेक्षण में नहीं सुधरी शहर की रेटिंग बक्सर : केंद्र सरकार द्वारा देश के 434 शहरों में किये गये स्वच्छता सर्वेक्षण में बक्सर को शामिल किया गया था. पिछले साल देश के सबसे गंदे शहरों में शुमार बक्सर को सर्वेक्षण के इस ‘टेस्ट’ को पास करने को लेकर तैयारी भी खूब चली, लेकिन हकीकत […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | May 5, 2017 5:59 AM

स्वच्छता सर्वेक्षण में नहीं सुधरी शहर की रेटिंग

बक्सर : केंद्र सरकार द्वारा देश के 434 शहरों में किये गये स्वच्छता सर्वेक्षण में बक्सर को शामिल किया गया था. पिछले साल देश के सबसे गंदे शहरों में शुमार बक्सर को सर्वेक्षण के इस ‘टेस्ट’ को पास करने को लेकर तैयारी भी खूब चली, लेकिन हकीकत यह है कि शहर में न तो गंदगी कम हो हुई और न कूड़े के ढेर कम हुए. आम जगहों की बात छोड़ भी दें, तो कथित तौर पर वीआइपी इलाकों की हालत भी खस्ता है. बिहार के 27 शहरों का सर्वेक्षण किया गया, जिसमें 19 शहर टॉप-300 से बाहर रहे. उसमें बक्सर भी शामिल रहा. बक्सर को 327वां स्थान मिला. इससे नगर पर्षद की सफाई व्यवस्था दुरुस्त करने के दावों और वादों की पोल खुल गयी है.
स्वच्छता ऐप के इस्तेमाल में पिछड़ने से बने ये हालात : स्वच्छता ऐप पर रेटिंग नहीं होने की वजह से शहर को खुले में शौच से मुक्त घोषित करने के लिए क्वालिटी काउंसिल ऑफ इंडिया की टीम बक्सर शहर का दुबारा सर्वे किया था. टीम के सदस्य अलग-अलग स्थानों पर पहुंचकर लोगों से चर्चा के साथ व्यक्तिगत शौचालय भी चेक किये थे. गौरतलब हो कि पिछले दिनों केंद्र सरकार की टीम दिल्ली से आयी थी. शहर का सर्वे के बाद टीम ने अपने मोबाइल से फीडबैक और स्पॉट के लाइव फोटो सेटेलाइट से भेजे थे. स्वच्छता ऐप के इस्तेमाल में इजाफा का निर्देश दिया गया था. विभागीय सूत्रों की मानें तो ऐप के इस्तेमाल में पिछड़ने के कारण ये हालात बने हैं.
सर्वेक्षण का यह रहा आधार : सर्वेक्षण में ठोस कचरा प्रबंधन, घर-घर से कूड़ा उठाव, सड़कों की सफाई, कचरे का निष्पादन, निजी व सामुदायिक शौचालय की स्थिति, सफाई को लेकर लोगों की आदतों में सुधार और सफाई को लेकर शिक्षा को आधार बनाया गया था. शहरी विकास मंत्रालय की तरफ से क्वालिटी काउंसिल का गठन किया गया था.
इन बिंदुओं पर हुआ सर्वे : सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट, गली-मोहल्लों सफाई, सार्वजनिक शौचायलों में सफाई, अस्पतालों में सफाई, शहर के अंदर सफाई के लिए जागरूकता अभियान, ओडीएफ, कचरा निष्पादन, डोर-टू-डोर कचरा कलेक्शन, स्वच्छ पेयजल.

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