जिले में आपूर्ति पूरी, फिर भी बिजली कटौती जारी

33 केवी वोल्ट की जगह 22 केवी वोल्ट ही मिल पा रही बिजली बक्सर : ऊमस भरी गरमी में बिजली दगा दे रही है. खपत के अनुरूप आपूर्ति होने के बावजूद भी बिजली कटौती जारी है. ट्रिपिंग और लो वोल्टेज की समस्याओं से उपभोक्ताओं को जूझना पड़ रहा है. इसे लेकर उपभोक्ताओं में आक्रोश है. […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | May 26, 2017 4:28 AM

33 केवी वोल्ट की जगह 22 केवी वोल्ट ही मिल पा रही बिजली

बक्सर : ऊमस भरी गरमी में बिजली दगा दे रही है. खपत के अनुरूप आपूर्ति होने के बावजूद भी बिजली कटौती जारी है. ट्रिपिंग और लो वोल्टेज की समस्याओं से उपभोक्ताओं को जूझना पड़ रहा है. इसे लेकर उपभोक्ताओं में आक्रोश है. शहर में इस समय 22 हजार 805 बिजली कनेक्शनधारी हैं. जबकि डुमरांव में कुल 60 हजार कनेक्शनधारी हैं. जिले को 80 मेगावाट बिजली की आवश्यकता है. और इतनी बिजली मिल रही है. बक्सर को 40 मेगावाट तथा डुमरांव को 40 मेगावाट बिजली मिलती है.
अब सवाल यह उठता है कि खपत के अनुरूप बिजली जिले को मिल रही है तो बिजली की कटौती क्यों? विभाग के पास इसके लिए भी अपना मंतव्य है. विभाग का कहना है कि मेटनेंस कार्य से बिजली की कटौती जारी है. लो वोल्टेज की समस्या को लेकर भी विभाग की अपनी दलील है. विभाग का कहना है कि जिले को 33 केवी वोल्ट बिजली चाहिए,
लेकिन 22 केवी वोल्ट मिल रहा है. लो वोल्टेज की समस्या बनी हुई है.
आरा ग्रिड से होगी सप्लाई तो कुछ हद तक मिलेगा राहत : आरा ग्रिड से बिजली की सप्लाई बक्सर के लिए होती तो लो वोल्टेज की समस्या से काफी हद तक निजात मिलता. लंबी दूरी होने के कारण लो वोल्टेज की समस्या बनी रहती है. जिले में कुल 82 हजार कनेक्शनधारी हैं.
डिहरी ग्रिड से बिजली की होती है सप्लाइ
बक्सर ग्रिड को बिजली डिहरी ग्रिड से मिलती है. डिहरी से कुदरा से कोचस और कोचस से डुमरांव आने के बाद बक्सर को बिजली मिलती है. ऐसे में 33 केवी की जगह 22 केवी ही बिजली मिल पाती है. इससे लो वोल्टेज की समस्या बनी रहती है. कार्यपालक अभियंता ने बताया कि लो वोल्टेज का सबसे मुख्य कारण यही है. उन्होंने कहा कि आने वाले दिनों में इसे जल्द ही दूर कर लिया जायेगा.
क्या कहते हैं कार्यपालक अभियंता
कार्यपालक अभियंता संतोष कुमार ने बताया कि खपत के अनुरूप जिले को पूरी बिजली मिल रही है. लो वोल्टेज की समस्या से निजात के लिए विभाग द्वारा कार्य किया जा रहा है. उन्होंने कहा कि वर्तमान स्थिति में बक्सर की बिजली आपूर्ति डिहरी ग्रिड पर टिका हुआ है. अगर आरा ग्रिड से बक्सर को जोड़ दिया जाये तो काफी हद तक लो वोल्टेज की समस्या से निजात मिलेगी. उन्होंने कहा कि उपभोक्ताओं की मिली शिकायत को दूर करने के लिए मरम्मत का कार्य कराया जाता है. जिससे कुछ देर के लिए आपूर्ति बाधित करनी पड़ती है.

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