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नियमों के उल्लंघन से हो रहे हादसे

मंगलवार को ब्रह्मपुर थाना के रामगढ़ के पास एनएच 922 पर रॉन्ग साइड चल रहे स्कूली बस का डंपर से टक्कर हो जाने के चलते भीषण सड़क हादसा देखने को मिला.

By Prabhat Khabar News Desk | September 4, 2024 10:08 PM

बक्सर कोर्ट.

मंगलवार को ब्रह्मपुर थाना के रामगढ़ के पास एनएच 922 पर रॉन्ग साइड चल रहे स्कूली बस का डंपर से टक्कर हो जाने के चलते भीषण सड़क हादसा देखने को मिला. वाहनों की टक्कर में स्कूल बस जमीन पर तीन पलटी खाते हुए उल्टा पलट गयी. स्कूल बस में लगभग 40 मासूम बच्चों से भरा हुआ था जो स्कूल से पढ़कर अपने घर को वापस लौट रहे थे. ग्रामीणों ने तत्परता एवं बहादुरी दिखाते हुए तत्काल सभी बच्चों को बाहर निकाला. जिसमें कई बच्चों पर जख्म के गहरे निशान थे. जिन्हें अलग-अलग अस्पतालों में भेजा गया. जहां आज भी कई बच्चे जीवन एवं मौत के बीच लड़ रहे हैं. बस दुर्घटना का प्रत्यक्ष कारण रॉन्ग साइड से बस का चलना बना. परिवहन विभाग की लापरवाही एवं उदासीनता के कारण सड़क दुर्घटनाओं में खासा इजाफा देखने को मिल रहा है.नवंबर 2023 में बिहार में परिवहन विभाग ने एक रिपोर्ट जारी करते हुए निर्देश दिया था. रिपोर्ट के आंकड़े किसी भी व्यक्ति के दिमाग को सन्न कर देने वाला था. जिसमें बक्सर जिले में 80 से 100% तक की दुर्घटनाओं को गंभीर दुर्घटनाओं के अंतर्गत रखा गया था. वर्ष 2023 में बिहार में होने वाली सड़क दुर्घटनाओं में मरने वालों की संख्या 5218 बतायी गयी है. जिसमें बक्सर जिले का स्थान महत्वपूर्ण था.

प्रशासनिक लापरवाही व सुस्ती से बढ़ रही हैं समस्याएं :

यातायात पर नजर डालें तो बक्सर की स्थिति बहुत खराब दिखता है. जिले के शहरों की सड़के सुबह से ही जाम के हवाले हो जाती हैं. जहां देर रात तक जाम बना रहता है. यातायात पुलिस भी जिले में बस खानापूर्ति करते नजर आती है. शहर के चौक चौराहों पर महीने में एक दो बार विभाग वाहनों की चैकिंग करता है जिसकी जानकारी लहरिया कट चलने वाले नाबालिगों को मिल जाती है, ऐसे में वे किसी अन्य रास्ते को वाहनों की घुड़दौड़ के लिए चुन लेते, ऐसे उद्दंड बाइकर्स को रोकने के लिए रेंडम चेकिंग के साथ-साथ तकनीक का सहारा लेना आवश्यक है. जहां सीसीटीवी फुटेज के आधार पर उदंड बाइक सवारों के नंबर प्लेट के आधार पर उन्हें पकड़ा जा सके. आश्चर्यजनक पहलू यह है कि आज भी जिले में 90% से अधिक मोटरसाइकिल के नंबर प्लेट डिजिटल नहीं हुआ. जिससे नियमों की अनदेखी करने वाले वाहनों पर नकेल कसा जा सके.

नियमों को ताक पर रख कर चलाये जाते हैं स्कूली वाहन :

परिवहन विभाग की उदासीनता के कारण यात्री वाहनों के अलावे स्कूल बस भी फराटे से दौड़ते नजर आते हैं. स्कूल के समय चाहे जान या आने का हो उनकी रफ्तार देखने लायक रहती है, तीखा मोड हो या सीधी सड़क स्कूल वाहन की रफ्तार जरा भी काम नहीं होती है. अधिकतर चालकों के पास ड्राइविंग लाइसेंस नदारद है. स्कूली बस चालक बच्चों को जल्दी उतारा या उठाया जा सके इसके लिए यातायात के नियमों का पालन नहीं करते हैं बल्कि बल्कि समय बचाने के लिए चक्कर नहीं लगाकर उलटी दिशा में वाहन चलाकर बच्चों को उठा लेते हैं या उतार देते हैं. विगत मंगलवार को एनएच 922 पर ब्रह्मपुर के पास हुई सड़क दुर्घटना का मुख्य कारण यही बना था जहां स्कूल बस विपरीत दिशा से तेजी से आ रहा था तथा डंपर से टकरा गया. प्रतिदिन सुबह होते ही बक्सर की कि सड़कों पर स्कूल बस की कतारे लग जाती है लेकिन प्रत्येक बसों में क्षमता से ज्यादा बच्चों को ठूंस दिया जाता है. ऐसे बस चलाने वाले चालकों के पास शायद ही ड्राइविंग लाइसेंस देखने को मिले. पूरे राज्य में सड़क दुर्घटनाओं में कमी लाने के लिए सड़क सुरक्षा अभियान के तहत विगत नवंबर-दिसंबर में कई काम किये गये. एनएचएआइ की रिपोर्ट के मुताबिक बिहार सड़क दुर्घटनाओं में मौत के मामले में दूसरे स्थान पर है. इस रिपोर्ट के बाद परिवहन विभाग ने सभी जिले के डीएम एसपी के साथ एक बार फिर से बैठक कर सड़क दुर्घटना कम हो इसके लिए प्रतिवर्ष लक्ष्य निर्धारित करने का दिशा निर्देश दिया था, लेकिन बक्सर जिले में होने वाली सड़क दुर्घटनाओं को देखकर यह कहा जा सकता है कि सरकारी दिशा निर्देश यहां तक नहीं पहुंच पाया.

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