जिले के सभी प्रखंडों के किसानों को मिलेगी तकनीकी जानकारी
जिले में जीविका का मुख्य स्त्रोत खेती-बाड़ी है. परंतु जानकारी के अभाव में अथक परिश्रम के बावजूद पैदावार में बढ़ोतरी नही हो रही है
बक्सर. जिले में जीविका का मुख्य स्त्रोत खेती-बाड़ी है.परंतु जानकारी के अभाव में अथक परिश्रम के बावजूद पैदावार में बढ़ोतरी नही हो रही है. जिसकी जानकारी देते जिला कृषि पदाधिकारी अविनाश शंकर ने बताया कि बिहार सरकार कृषि विभाग के तत्वाधान से बिहार कृषि प्रबंधन एवं विस्तार प्रशिक्षण संस्थान (बामेती), पटना द्वारा कृषि रोड मैप के तहत कृषि तकनीकी ज्ञान आधारित वीडियो से लैस कृषि ज्ञान वाहन किसानों के लिए मील का पत्थर साबित हो रहा है. बामेती पटना से कृषि प्रौद्योगिकी प्रबंध अभिकरण (आत्मा) बक्सर को उपलब्ध कराये गये ज्ञान वाहन द्वारा जिले के सभी प्रखंडों में स्थित प्रगतिशील कृषक के द्वार पर कृषि एवं संबद्ध क्षेत्रों से जुड़ी व्यावहारिक समस्याओं का समाधान करने हेतु किसानों के द्वार पर कृषि ज्ञान वाहन द्वारा तकनीकी जानकारी प्रदान की जा रही है. आत्मा संस्थान के परियोजना निदेशक अविनाश शंकर ने बताया कि कृषि ज्ञान वाहन द्वारा खाद्यान्न, बागवानी, अन्य फसलों के कीट-व्याधि के साथ-साथ पशु एवं पक्षी के स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं का समाधान, किसानों के ज्ञान संवर्द्धन के लिए तकनीकी फिल्मों का प्रदर्शन, कृषि प्रसार साहित्य के माध्यम से किसानों का लोक शिक्षण, मिट्टी जांच नमूनों का संग्रहण इत्यादि की जानकारी सुदूर ग्राम तक किसानों के बीच उपलब्ध कराया जा रहा है. कृषि ज्ञान वाहन में इंटरनेट की कनेक्टिवटी दी गयी है. इसका उपयोग कर संबंधित फसल के समस्याओं का निदान आवश्यक्तानुसार विशेषज्ञों से सीधे जोड़कर किया जा सकता है. इस तकनीकी का इस्तेमाल का कर किसानों के द्वार पर ही कृषि संबंधी समस्याओं को समाधान करने का प्रयास किया जा रहा है. आत्मा की उप परियोजना निदेशक बेबी कुमारी ने बताया कि कृषि ज्ञान वाहन के बक्सर जिला में भ्रमण हेतु प्रफुल्ल कुमार, बीटीएम एवं कम्प्यूटर ऑपरेटर आनंद प्रकाश को प्रतिनियुक्त किया गया है. 21 अक्टूबर को नावानगर, 22 अक्टूबर को केसठ, 23 अक्टूबर को चौगाई, 24 अक्टूबर को डुमरांव, 25 अक्टूबर को सिमरी, 26 अक्टूबर को चक्की, 28 अक्टूबर ब्रम्हपुर प्रखंड के सुदूर ग्राम में किसानों के द्वार पर कृषि ज्ञान वाहन का परिभ्रमण किया जायेगा.उपरोक्त दोनों कर्मी तकनीकी का इस्तेमाल कर किसानों के समस्याओं का त्वरित समाधान करेंगे.
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