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एंबुलेंस कर्मियों ने वेतन भुगतान को लेकर शुरू की हड़ताल

102 एंबुलेंस संचालक एवं कर्मियों ने विभिन्न पांच सूत्री मांगों को लेकर अनिश्चित कालीन हड़ताल शुरू कर दिया है

बक्सर .

102 एंबुलेंस संचालक एवं कर्मियों ने विभिन्न पांच सूत्री मांगों को लेकर अनिश्चित कालीन हड़ताल शुरू कर दिया है. उनकी मांगे पूरी होने तक वे हड़ताल पर डटे रहेंगे. इस दौरान घटना व दुर्घटना होने पर सारी जबावदेही स्वास्थ्य समिति बक्सर की होगी. ज्ञात हो कि पिछले 4 माह से वेतन भुगतान के लंबित रहने, 6 माह का पीएफ बकाया एवं ईएसआईसी रोककर रखने, 8 घंटा की जगह 12 घंटा काम लेने पर रोक लगाने एवं 1 साल का बकाया एरियर भुगतान, बिहार सरकार श्रम अधिनियम के द्धारा तय की गई कुशल मजदूरी देने संबंधित मांगों को लेकर अनिश्चितकालीन हड़ताल शुरू कर दिया है. इस क्रम में एंबुलेंस कर्मियों ने बक्सर सदर अस्पताल परिसर में अनिश्चितकालीन हड़ताल के तहत धरना शुरू किया है. कर्मियों ने अपने संबोधन में कहा कि वेतन नहीं मिलने के कारण कर्मचारी भुखमरी के कगार पर आ गए हैं. कई बार डीपीसी और डीपीएम से अनुनय विनय करने के बाद भी वेतन भुगतान नहीं किया गया. वेतन भुगतान को लेकर टालमटोल किया जाता रहा है. इसको देखते हुए अपने परिवार का भरण पोषण करने में असमर्थ है. हड़ताल को ले सिविल सर्जन को भी पत्र दिया गया है. जिससे वे संज्ञान लेकर इसपर कारवाई करें. लेकिन विभागीय स्तर पर इसपर अभी तक कोई पहल नहीं किया गया है. जिसके कारण किसी भी प्रकार की अप्रिय घटना व दुर्घटना होती है तो उसकी सारी जवाबदेही स्वास्थ्य समिति बक्सर और 102 एम्बुलेंस संचालक कंपनी की होगी. वहीं सिविल सर्जन से सभी प्रकार का भुगतान करने को लेकर अपील किया गया है. जिले के सभी 102 एंबुलेंस के कर्मियों ने अपनी वाहनों को सदर अस्पताल परिसर में खड़ा कर दिया है. गरीब और असहाय, कमजोर तबके के लोगों को एंबुलेंस सुविधा नहीं मिलने से लोगों को परेशानी व कठिनाई का सामना करना पड़ रहा है. इस संबंध में 102 एंबुलेंस के अध्यक्ष कृष्ण दत्त मिश्र ने कहा कि हड़ताल करना हम लोगों की मजबूरी बन गई है. इस अंधे और बहरी सरकार ने अल्प वेतन भोगी कर्मचारी का चार माह का वेतन 6 माह का पीएफ और ईएसआईसी रोक कर रखी है. और तो और 8 घंटे की जगह 12 घंटा काम लिया जा रहा है. वेतन भी नहीं मिलने की वजह से सभी कर्मचारी भुखमरी के कगार पर हैं. कार्यक्रम को 102 के सचिव शैलेंद्र प्रसाद समेत अन्य कर्मियों ने संबोधित किया. इसके साथ ही अपनी मांगों को बुलंदी से रखा. वक्ताओं ने अपने संबोधन में कहा कि हड़ताली कर्मियों से स्वास्थ्य विभाग के प्रशासन द्वारा अभी तक कोई संज्ञान नहीं लिया गया है और न ही बात करना मुनासिब समझ गया है. यही मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का बिहार विकास का मॉडल है. जिसमें कमजोर कर्मचारियों का शोषण और दोहन कर भुखमरी के कगार पर पहुंचाया जा रहा है. मौके पर गुलाम सरवर, अंजनी मिश्रा, दीपक कुमार, मिंटू कुमार, प्रिंस कुमार, सुदामा प्रसाद, कृष्ण बिहारी रज्जक, विश्वजीत कुमार सिंह, पिंटू चौधरी, दिनेश पांडेय, अमित कुमार सिंह समेत अन्य शामिल रहे.

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