Loading election data...

ज्योति प्रकाश चौक स्थित सोन कैनाल पर बने पुल की घटिया निर्माण के कारण कंक्रीट टूटा, पुल की सरिया आया बाहर

नगर के बीचों बीच पथ निर्माण विभाग से बने ज्योति प्रकाश चौक स्थित सोन नहर के अस्तित्व पर अब खतरा मंडराने लगा है.

By Prabhat Khabar News Desk | August 21, 2024 10:29 PM

बक्सर.

नगर के बीचों बीच पथ निर्माण विभाग से बने ज्योति प्रकाश चौक स्थित सोन नहर के अस्तित्व पर अब खतरा मंडराने लगा है. वहीं पुल के निर्माण की गुणवत्ता पर ही सवाल उठने लगे हे. इसके साथ ही सोन कैनाल नहर पर ही श्रीनाथ बाबा मंदिर के मोड़ पर बने पुल से भी सरिया बाहर दिखने लगा है. दोनों पुल का निर्माण एक ही साथ हुआ था. जो केवल पांच साल में ही दम तोड़ने लगे है. इन पुलों के अस्तित्व पर ही अब खतरा मंडराने लगा है. वहीं ज्योति प्रकाश चौक स्थित पुल की टूटने के बाद दिखने वाली सरिया पर काली करण कर पर्दा डालने की कोशिश की गयी. विभाग की यह कोशिश भी नाकाम साबित हो रही है. घटिया स्तर से मरम्मत के रूप में कालीकरण विभाग से किया जा रहा है. जो एक माह में ही पूर्व स्थिति में आ जा रहा है. विभाग इस पुल के निर्माण कराने वाले संवेदक पर कारवाई की बजाय उसपर पर्दा डालने की लगातार नाकाम काेशिश की जा रही है. पुल की वर्तमान स्थिति दयनीय हो गयी है. दोषपूर्ण निर्माण के कारण पुल की सरिया पांच साल में ही बाहर आ गया है. ज्ञात हो कि पथ निर्माण विभाग के योजना के तहत स्टेशन से रामरेखाघाट तक करीब 14 करोड़ तीस लाख रूपये की राशि से सड़क का पक्कीकरण का कार्य कराया गया था. इसके साथ ही ज्योति प्रकाश स्थित पुल का निर्माण कराया गया है. पुराने जगह के अलावे नये जगहों पर भी पुल की कंक्रीट टूटकर बिखरना शुरू हो गया है. जिससे बड़े वाहनों के संचालन से परेशानी होने की संभावना से इंकार नहीं किया जा सकता है. पुल के दोनों किनारों पर सरिया दिखने के साथ ही पुल के कई जगहों पर कंक्रीट बिखर कर गढ्ढा का रूप ले लिया है. स्थानीय लोगों ने बताया कि इसी सोन नहर पर अंग्रेजों के बनाये गये पुल है. जो 100 वर्षों से भी ज्यादा समय के है. जिनकी हालात भी पूरी तरह से सही है. उसपर कोई समस्या नहीं है, बल्कि ओवरलोड बालू लदे ट्रक ढड़ल्ले से संचालित होते है. कोई परेशानी नहीं है. लेकिन एक ही संवेदक के द्धारा ज्योति प्रकाश चौक एवं श्रीनाथ बाबा मंदिर मोड़ पर बनाये गये दोनों पुल लगभग पांच साल में ही दम तोड़ने लगे है. ऐसे में तो पुल बनाने वाले संवेदक पर विभाग से कारवाई की जानी चाहिए.

पांच साल में ही बिखरने लगा दोनों पुल :

नगर के स्टेशन से रामरेखाघाट को जोड़ने के लिए सड़क की चौड़ीकरण के साथ ही पुल एवं पुलिया का निर्माण कराया गया है. इस क्रम में नगर के ज्योति प्रकाश चौक पर बने पुल अपने निर्माण के पांच साल बाद ही दम तोड़ने लगा है. पुल में उपयोग किया गया सरिया बाहर आ गया है. पुल निर्माण में लगे कंक्रीट व स्टोन बिखर गये है. जिससे पुल पर गड्ढा का निर्माण हो गया है. जिससे पुल की गुणवत्ता पर सवाल उठा रहा है. पुल के दोनों तरफ सरिया बाहर आ गया है. जो पुल की घटिया व दोषपूर्ण निर्माण की पोल खोल रहा है. कई बार विभागीय स्तर पर टूटी पुल की मरम्मत कराया गया है. पर मरम्मत के एक माह के भीतर ही स्थिति पूर्ववत कायम हो रही है. इसी योजना के तहत जेल पइन रोड पर भी संबंधित संवेदक द्धारा पुलिया का निर्माण किया गया था. जो सड़क पर आवागमन के साथ ही धाराशायी हो गया. जिसमें नाला डालकर किसी तरह से आवागमन शुरू किया गया है.

डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

Next Article

Exit mobile version