ड्रैगन फ्रुट की खेती से अवगत होंगे बक्सर के किसान
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ड्रैगन फ्रुट्स का पौधा नागफनी प्रजाति का है.ड्रैगन फ्रुट्स गुलाबी रंग का रसीला मीठा फल है, परंतु इसका रंग किस्म के आधार पर होती है.ड्रैगन फ्रुट की खेती मुख्य रुप से श्रीलंका, वियतनाम, मलेशिया, अमेरिका जैसे देशों में होती है, परंतु अब इसे भारत देश के कई जगहों में भी उगाया जाने लगा है, जिसका प्रमुख कारण आकर्षक मूल्य पर बिक्री होना तथा कम वर्षा वाले स्थानों पर अच्छा पैदावार होना है.इसके लिए 20 से 30 डिग्री सेल्सियस तापमान उपयुक्त रहता है.इसके पौधे एक वर्ष में ही फल देने लगते हैं.इस पौधे में मई-जून माह में फूल आ जाते हैं तथा अगस्त से दिसंबर तक फल आ जाते हैं.
ड्रैगन फ्रुट में प्राकृतिक एन्टीआंक्सीडेंट होते हैं और इसके साथ-साथ एस्काॅर्बिक एसीड, फ्लेवोनोइड, फेनोलिक एसीड, फाइबर कैल्शियम के साथ-साथ कई सारे पौषक तत्व होता है.यह मानव शरीर में ब्लड सुगर को नियंत्रित करता है.लगातार ड्रैगन फ्रुट के सेवन से डायबिटीज होने का खतरा नहीं होता है.ड्रैगन फ्रुट में भरपूर मात्रा में एन्टीआंक्सीडेंट, विटामीन सी, प्रोटीन और कार्बोहाइडेट होता है, जो मेटाबाॅलिज्म के लिए अच्छा होता है.इसमें मौजूद विटामीन बी हमारे दिमाग को शांत करता है, जिससे हमारा सेहत अच्छा होता है. मौके पर रघुकुल तिलक एवं चंदन कुमार सिंह प्रखंड तकनीकी प्रबंधक विकास कुमार राय, एटीएम विेवेकानंद उपाध्याय, आत्माकर्मी दीपक कुमार , पृथ्वीनाथ ओझा, अंकित कुमार सिंह, मनोज कुमार राय, दिनेश यादव, चितरंजन तिवारी, उमानाथ सिंह, सोनू कुमार, वशिष्ठनारायण राय, महेश पाण्डेय, रामयश राम, इन्दु देवी, कविता देवी, संगीता देवी, विमल, अमित कुमार, सुशील कुमार, मदनमोहन पाण्डेय, सत्यनारायण पाठक, अनिल कुमार राम, मारुति नंदन शामिल रहे.
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