Buxar News: ओपीडी में आने वाले 30% मरीजों का आयुष्मान कार्ड बनाने के लिए लगेंगे शिविर
Buxar News: जिले के लाभुकों को पांच लाख रुपए तक के निःशुल्क इलाज की सुविधा उपलब्ध कराने के लिए सरकार प्रयासरत है
बक्सर.
जिले के लाभुकों को पांच लाख रुपए तक के निःशुल्क इलाज की सुविधा उपलब्ध कराने के लिए सरकार प्रयासरत है. जिसके तहत जिले के सभी प्रखंडों में लाभुकों को इलाज के लिए आयुष्मान कार्ड बनाने की कवायद तेज कर दी गई है. इस क्रम में राज्य स्वास्थ्य समिति ने आयुष्मान कार्ड बनाने की प्रकिया को गति देने के लिए पंचायत स्तर पर इसकी जिम्मेदारी आशा फैसिलिटेटर और आशा कार्यकर्ताओं को दी गई है. जिसके तहत प्रति दिन सभी आशा फैसलिटेटर व आशा कार्यकर्ताओं द्वारा अपने क्षेत्र में घर घर जाकर पांच लाभुकों का आयुष्मान कार्ड बनाना है. जिसमें 70 वर्ष व इससे उपर के सभी लाभार्थियों का आयुष्मान कार्ड बनाना सुनिश्चित करेंगे. साथ ही, प्रतिदिन घरों का भ्रमण 10 आभा कार्ड एवं पांच घरों का सर्वे एम-आशा एप पर इंट्री सुनिश्चित करेंगी.सभी अस्पतालों के लिए लक्ष्य निर्धारित
इस संबंध में आयुष्मान भारत योजना के डीपीसी अभिषेक कुमार ने बताया कि राज्य स्वास्थ्य समिति की ओर से आयुष्मान भारत कार्ड बनाने के लिए सभी स्वास्थ्य संस्थानों के लिए भी लक्ष्य निर्धारित किया गया है. ताकि ज्यादा से ज्यादा लाभुकों का आयुष्मान कार्ड बनाया जा सके. उन्होंने बताया कि जिले के सभी स्वास्थ्य संस्थान जहां पर ओपीडी की सेवा दी जाती है वहां पर आने वाले 30 प्रतिशत मरीजों का अनिवार्य रूप से कार्ड बनाया जायेगा. उन्होंने बताया कि सरकार ने 70 वर्ष व उससे अधिक उम्र के लाभुकों को विशेष रियायत दी है. सरकार के निर्देश पर अब जिले के सभी 70 वर्ष से अधिक उम्र के लोगों का आयुष्मान कार्ड बनाया जाना है. चाहे वो किसी भी वर्ग के हो. इसके लिए उनका नाम राशन कार्ड में होना जरूरी नहीं है. ऐसे बुजुर्ग लाभुकों का कार्ड आयुष्मान भारत योजना के अंतर्गत वय बंधन योजना के अंतर्गत बनाया जाएगा. वहीं, जिन लाभुकों का राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम (एनएफएसए) के तहत कार्ड बन चुका है, उनका भी वय बंधन योजना के तहत कार्ड बनाया जा रहा है. 1300 आशा का बनाया गया है ऑपरेटर आइडी
डीपीसी अभिषेक कुमार ने बताया कि जिले में कुल 1548 आशा कार्यकर्ताएं कार्यरत हैं. इस क्रम में कार्यक्रम के सफल संचालन के लिए 1300 आशा का ऑपरेटर आई-डी बनाया गया है. ताकि, घर घर जाकर भ्रमण के दौरान आशा कार्यकर्ताएं ऑन द स्पॉट लाभुकों का ऑनलाइन आवेदन डाल सकें. वहीं, ग्रामीण इलाकों में लाभुकों के सहूलियत के लिए 258 वसुधा केंद्रों पर विलेज लेवल एक्सक्यूटिव (वीएलई) द्वारा आयुष्मान कार्ड बनाया जा रहा है. हालांकि, इस बार आयुष्मान कार्ड बनाने के इस विशेष ड्राइव को लेकर राज्य स्वास्थ्य समिति सख्त है. जिन आशा कार्यकर्ताओं द्वारा इस कार्य में लापरवाही बरती जाएगी. उनपर कार्रवाई भी की जाएगी. इसके लिए बीएचएम और बीसीएम के द्वारा प्रति दिन आशा फैसिलिटेटर और कार्यकर्ताओं की समीक्षा की जाएगी. जिसकी रिपोर्ट प्रतिदिन शाम में जिला स्वास्थ्य समिति को सौंपी जायेगी. उन्होंने बताया कि जिले में अब तक 2475 लाभुकों का आयुष्मान कार्ड बनाया गया है. जिनमें 70 वर्ष से ऊपर के 1565 लाभुक शामिल हैं.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है