Buxar News : योजनाएं अलग-अलग, लेकिन चिह्नित 10 मजदूरों को ही किया गया भुगतान

Buxar News: बक्सर जिले के ब्रह्मपुर प्रखंड की महुआर पंचायत में चिह्नित किये गये 10 मजदूरों से ही योजनाओं का काम कराया जा रहा है.

By Prabhat Khabar News Desk | December 2, 2024 10:10 PM

ब्रह्मपुर/बक्सर.

बक्सर जिले के ब्रह्मपुर प्रखंड की महुआर पंचायत में चिह्नित किये गये 10 मजदूरों से ही योजनाओं का काम कराया जा रहा है. पंचायत में एक महीने के अंदर 15वें वित्त आयोग की दो अलग-अलग योजनाओं से हुए कार्यों में उन्हीं 10 मजदूरों से ही काम कराया गया है. इ-ग्राम स्वराज पोर्टल पर अपलोड किये गये राशि भुगतान के डेटा इसकी गवाही दे रहे हैं. अब ग्रामीण इस पर सवाल उठा रहे हैं कि क्या पंचायत में यहीं 10 मजदूर हैं, जिन्हें हर योजना में काम मिल रहा है और राशि का भुगतान किया जा रहा है.

कुआं के जीर्णोद्धार के लिए हुआ 40 हजार खर्च

इ-ग्राम स्वराज पोर्टल पर अपलोड मस्टर रोल डेटा के अनुसार, महुआर पंचायत में नवंबर 2024 में कुआं के जीर्णोद्धार के लिए कुल 40 हजार 211 रुपये का भुगतान अमन कुमार साह, अमरेंद्र कुमार पांडे, चंदन कुमार गुप्ता, दीपक दूबे, मुन्ना सिंह, राजेश साह, गोविंदा सिंह, विष्णु प्रताप तिवारी, प्रमोद कुमार सिंह और नीतीश कुमार को किया गया है. यह राशि वित्तीय वर्ष 2024-25 के 15वें वित्त आयोग की है. मास्टर रोल के अनुसार यह राशि कुएं के जीर्णोद्धार पर खर्च की जा रही है, जिसका योजना गतिविधि कोड 71511428 है. वहीं, अक्टूबर माह में महुआर पंचायत में ही यात्री शेड का निर्माण कार्य किया गया है और उसमें भी इन्हीं लोगों को भुगतान किया गया है. मस्टर रोल के अनुसार इसकी योजना गतिविधि कोड संख्या 71517580 है, जिसमें कुल 78 हजार 684 रुपये का भुगतान किया गया है.

पंचायत में चर्चा का विषय बना

वहीं, अक्टूबर में ही योजना गतिविधि कोड संख्या 71520016 में भी इन्हीं 10 लोगों को भुगतान किया गया है. यह काम भी यात्री शेड निर्माण का बताया गया है. इसमें 30 अक्टूबर को 78 हजार छह सौ 84 रुपये का भुगतान किया गया है. एक महीने के अंदर तीन मस्टर रोल में बार-बार इन्हीं 10 मजदूरों को भुगतान करने का मामला पंचायत में चर्चा का विषय बना हुआ है. कई लोग इसे सेटिंग, तो कई लोग गड़बड़ी का आरोप लगा रहे हैं. ग्रामीणों का कहना है कि क्या इस पंचायत में यही 10 मजदूर ही मौजूद हैं, जिनके खाते पर एक महीने के ही अंतराल पर दो लाख रुपये से अधिक की मजदूरी का भुगतान किया जा चुका है.

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