बक्सर. शहर समेत जिले भर में मंगलवार को देवोत्थान एकादशी का पर्व विधि-विधान से मनाया गया. चार माह से योग निद्रा में शयन के उपरांत संसार के पालनहार भगवान विष्णु के जगने के उपलक्ष्य में श्रद्धालुओं ने व्रत रखा और वैदिक विधि-विधान के साथ श्री हरि की उपासना किये. इस अवसर यहां उतरायणी गंगा में श्रद्धालु डुबकी लगाए और दान-पुण्य कर सुख, समृद्धि व शांति की मंगल कामना किये. देवोत्था का यह पर्व कार्तिक शुक्ल एकादशी तिथि को मनाया जाता है. इसे देव उठवनी, देव प्रबोधिनी एवं हरि प्रबोधिनी एकादशी के नाम से भी जाना जाता है. रात को भगवान शालग्राम के विग्रह संग तुलसी का विवाह भी रचाया गया. अहले सुबह विस्तर छोड़ने के बाद श्रद्धालुओं द्वारा चार माह से योग निद्रा में शयन कर रहे भगवान विष्णु को मंत्रोच्चार के बीच शंख, मृदंग, घंटे व घड़ियाल बजाकर जगाया गया और वैदिक विधि से उनकी पूजा-अर्चना की गयी. एकादशी स्नान पर स्नान के लिए नगर के विभिन्न गंगा घाटों पर सनातन मतावलंबियों की भीड़ लगी रही. शहर समेत दूर-दराज से पहुंचे श्रद्धालु तड़के चार बजे से लेकर दिन के बारह बजे श्रद्धालु गंगा में डुबकी लगाते रहे. स्नान को लेकर रामरेखा घाट पर सबसे अधिक भीड़ रही. नाथ बाबा घाट, सत्ती घाट, सिद्धनाथ घाट समेत अन्य घाटों भी स्नानार्थियों की भीड़ से पट गए थे.
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