11.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

मुखिया और पीओ के बीच मनरेगा को लेकर खींचतान

Buxar News : जिले में इन दिनों मनरेगा में लूट मची है. ताजा मामला डुमरांव प्रखंड के कोरानसराय पंचायत से जुड़ा है

बक्सर. जिले में इन दिनों मनरेगा में लूट मची है. ताजा मामला डुमरांव प्रखंड के कोरानसराय पंचायत से जुड़ा है. मनरेगा पीओ डुमरांव के कथित मनमानी के खिलाफ मुखिया कांति देवी ने डीएम को पत्र लिखा है. जिसमें कहा गया है कि मनरेगा पीओ डुमरांव सुनील कुमार द्वारा मनमानी किया जा रहा है. यहीं नहीं मिलने पर अभद्र भाषा का प्रयोग किया जा रहा है. इतना ही नहीं कई योजनाओं को पंचायत से न कराकर पंचायत समिति से नियमों की अवहेलना कर करवा जा रहा है. जबकि सरकारी की गाइनलाइन के अनुसार कोई भी योजना 70 प्रतिशत पंचायत से और 20 प्रतिशत पंचायत समिति और 10 प्रतिशत जिला परिषद से कराना है. मगर इसका पालन उनके द्वारा नहीं किया जा रहा है. वही दूसरी ओर इस बाबत डुमरांव के मनरेगा कार्यक्रम पदाधिकारी सुनील कुमार ने कहा कि मुखिया गलत तरीके से काम कराकर लूटखसोट करना चाहते हैं. जिस पर रोक लगाया गया है. इसी को लेकर वे खफा हैं. मनरेगा कार्यक्रम पदाधिकारी सुनील कुमार ने तो यहां तक कहा कि मुखिया केवल अपने ही पैड का इस्तेमाल नहीं करते हैं, बल्कि कई और पंचायतों के मुखिया का पैड छपवाकर उसका गलत तरीके से इस्तेमाल करते हैं. उन्होंने कहा कि मुखिया ने वित्तीय वर्ष 2021-22 में कराए गए जिस योजना का जिक्र कर रहे हैं. उस योजना का काम ही रोक दिया गया है. इसलिए उनके द्वारा लगाये गए आरोप निराधार है. वही वित्तीय वर्ष 2023-24 में शिवभिक्की साह के खेत से दयानंद सिंह के खेत तक जिस करहा की सफाई में अनियमितता की आरोप लगा रहे हैं. वह योजना तो खुद मुखिया ने ही कराया है. हालांकि बुधवार को कोरानसराय मुखिया ने ग्रामीणों के साथ मनरेगा पीओ डुमरांव के खिलाफ प्रदर्शन की.

गत तीन साल में मनरेगा की तकरीबन 60 योजनाओं में 70 लाख से अधिक की गयी लूट

बक्सर.केंद्र सरकार की अतिमहत्वपूर्ण योजनाओं में शामिल महात्मा गांधी रोजगार गारंटी योजना में बक्सर जिले में लूटखसोट मचा है. यह तस्वीर जिले में चल रही महात्मा गांधी रोजगार गारंटी योजना में महालूट की भयंकर तस्वीर उभर कर सामने आई हैं . अगर गहरे से झांका जाए तो हैरत अंगेज नतीजे सामने होंगे. मजदूरों को रोजगार उपलब्ध कराने में भले ही मनरेगा फेल रहा हो, किंतु इससे जुड़े पदाधिकारियों एवं पंचायत प्रतिनिधियों ने जमकर लूट मचाई. डुमरांव प्रखंड के सिर्फ आधा दर्जन पंचायतों के मास्टर रौल खंगालने पर पिछले तीन वर्षो में मनरेगा की करीब 60 योजनाओं में 70 लाख से अधिक की लूट हुई है.प्रखंड के कई पंचायतों में संचालित मनरेगा योजनाओं की जांच की जाए तो लूट का यह आंकड़ा लाखों रुपये से करोड़ों को पार चला जाएगा. पंचायत में लूट की मामले को देखा जाए तो यहां अनियमितताएं तो अनियमितताएं आहर व तालाब कटाई में जमकर हेराफेरी की है. एक ही आहर को हर अगले साल कटाई होती है. सोचने वाली बात है कि पंचायतों में कितने आहर मौजूद हैं कि पांच साल में भी खत्म नहीं हो रहे हैं. जाहिर बात है कि एक ही योजना को नाम बदल कर काम कराया जा रहा हैं. स्पष्ट है कि धरातल पर काम हुआ नहीं और धन को ठिकाने लगा दिया गया.

अगस्त और सितंबर माह में भी लूट का खेल जारी

प्रखंड के मनरेगा कार्यालय द्वारा अगस्त माह में भी लूट का खेल बंद नहीं हुआ. कई पंचायतों में यह खेल जारी है. पंचायत रोजगार सेवक से लेकर मनरेगा योजना से जुड़े पदाधिकारियों को जब और जितना मौका मिला लूट की बहती गंगा में डुबकी लगाई. पंचायत से लेकर प्रखंड तक के विभागीय कर्मी और पदाधिकारी की मेल से सरकारी राशि की लूट का जरिया बना लिया है. ऐसे में ग्रामीण मजदूरों के पलायन को रोकने के लिए केंद्र प्रायोजित मनरेगा योजना मजदूरों को घर पर ही मनरेगा उपलब्ध कराने और चेहरे पर खुशहाली लाने के बजाय लूट, खसोट का जरिया बनकर रह गया. खैर जो भी हो इन दिनों प्रखंड भर में मनरेगा योजना में लूट मची हुई है और जिले के आला अधिकारी इस पर कोई ध्यान नहीं दे रहे हैं. जिससे कि मजदूर की रोजी-रोटी पर खतरा मंडरा रहा है. योजना मनरेगा पीओ, प्राक्कलन पदाधिकारी सहित अन्य के लिए दुधारू गाय बनकर रह गया है. रोजगार गारंटी के नाम पर महालूट की मुकम्मल गाथा बयां करता है.

क्या कहते हैं डीडीसी

इस संबंध में पूछे जाने पर डीडीसी डॉ महेंद्र पाल ने बताया कि इस बारे में मुझे अभी जानकारी नहीं है. पता करने बाद ही कुछ बताया जा सकता है.

डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें