बक्सर. वित्तीय वर्ष 2024-25 की माह अगस्त में सात निश्चय-2 के 11 विभिन्न अवयवों में बक्सर जिला पूरे सूबे में अव्वल रहा. 100 नंबर में बक्सर ने 78. 98 अंक प्राप्त कर यह मुकाम हासिल की है. सबसे खराब स्थिति मधेपुरा की है. मधेपुरा 56.16 अंक के साथ 38वें स्थान पर है. जबकि सीवान 76.83अंक के साथ दूसरे स्थान पर है. वहीं 68. 23 अंक के साथ पटना 20 वें स्थान पर है. तीसरे स्थान पर नालंदा 76.71 अंक लाने में सफल है. जबकि 18 वें स्थान पर जहानाबाद 59.00 अंक पर है जबकि भोजपुर 22 वें स्थान पर 67.86 लाकर यह सफलता हासिल की. डीडीसी .हॉ महेन्द्र पाल ने बताया कि अगस्त माह की एमआइएस रिपोर्ट के आधार जिले को रैकिंग में जल- जीवन- हरियाली और सात निश्चय- दो में बक्सर जिला को पूरे सूबे में पहला स्थान मिला है. इसके पहले भी जिला जल-जीवन-हरियाली में प्रथम स्थान पर रहा है. सभी जिला पदधिकारी सह जिला कार्यक्रम समन्वयक, सभी डीडीसी सह अपर जिला कार्यक्रम समन्वयक को जारी पत्र में कहा कि माह अगस्त 2024 के जिलावार में परफार्मेस रैंकिंग ऑफ डिस्ट्रिक रैंकिंग तैयार किया है. जिसमें 11 अवयवों में बक्सर ने प्रथम स्थान प्राप्त किया है. विकास मिशन द्वारा सात-निश्चय एवं सात-निश्चय 2 की चिन्हित योजनाओं में उपलब्धि के आधार पर माह अगस्त 2024 का रैकिंग जारी किया गया है. जिसमें बक्सर जिला को बिहार राज्य में प्रथम स्थान प्राप्त हुआ. सात-निश्चय एवं सात-निश्चय 2 में कार्य उपलब्धियों के आधार पर बक्सर जिले को बिहार में प्रथम स्थान प्राप्त हुआ है. बिहार विकास मिशन, पटना द्वारा पूर्व से संसूचित मापदंडों यथा जिला निबंधन परामर्श केन्द्र बक्सर द्वारा संचालित बिहार स्टूडेंट क्रेडिट कार्ड योजना, मुख्यमंत्री निश्चय स्वयं सहायता भत्ता योजना व कुशल युवा कार्यक्रम तथा जल संसाधन विभाग एवं लघु जल संसाधन विभाग अंतर्गत हर खेत तक सिंचाई का पानी, नगर परिषद ठोस एवं तरल अपशिष्ट प्रबंधन शहरी, नगर परिषद हर घर नल का जल (शहरी) का अनुरक्षण, ग्रामीण विकास विभाग अंतर्गत ठोस एवं तरल अपशिष्ट प्रबंधन (ग्रामीण), पंचायती राज विभाग अंतर्गत सभी गांवों में सोलर स्ट्रीट लाईट, लोक स्वास्थ्य प्रमंडल अंतर्गत हर घर नल का जल (ग्रामीण) का अनुरक्षण इत्यादि सहित अन्य योजनाओं में प्रगति के आधार पर रैंकिंग किया गया है. सात-निश्चय एवं सात-निश्चय 2 मुख्यमंत्री की सर्वोच्च प्राथमिकताओं में सम्मिलित है.जिला पदाधिकारी बक्सर द्वारा सात-निश्चय के तहत विभागीय प्रगति का निरंतर अनुश्रवण किया जा रहा है. जिला पदाधिकारी द्वारा संबंधित पदाधिकारियों को प्रत्येक अव्ययों में कार्य योजना बना कर शत प्रतिशत उपलब्धि प्राप्त करने का निर्देश दिया .
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