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Buxar News:आधी रात को गिरजाघरों में गूंजे कैरोल गीत, यीशु के जन्म पर झूमे मसीही अनुयायी

चुप है चंदा चुप हैं तारे...आया यीशु आया जगत में खुशहाली लाया, सुन लो मेरे भाइयों मसीहा मेरा दुनिया में आया...आदि कैरोल गीत गूंजने लगे. चर्च में घंटियां टनटनाने लगीं तथा मसीही अनुयायी खुशी से झूमने लगे.

बक्सर. चुप है चंदा चुप हैं तारे…आया यीशु आया जगत में खुशहाली लाया, सुन लो मेरे भाइयों मसीहा मेरा दुनिया में आया…आदि कैरोल गीत गूंजने लगे. चर्च में घंटियां टनटनाने लगीं तथा मसीही अनुयायी खुशी से झूमने लगे. जिले भर के चर्चों में यह नजारा बुधवार की रात देखी गयी. इस अवसर पर चर्चों को रंग-बिरंगी इलेक्ट्रॉनिक झालरों से सजाया गया था, जिनकी सतरंगी छटा देखते ही बन रही थी. प्रभु यीशु की जन्मोत्सव को लेकर गिरजाघरों में लोगों की भीड़ जुटी थी.

प्रभु यीशु के जन्म पर हुआ मिस्सा बलिदान

नयी बाजार स्थित महागिरजाघर के प्रभारी पुरोहित फादर अनिल क्रूस (बक्सर के पल्ली पुरोहित) द्वारा मिस्सा बलिदान की रस्म पूरी की गयी. इस विधि में यीशु के जन्म को दर्शाते हुए, बालक यीशु की मूर्ति एवं बरनी पर आशीष दी गयी. चरनी एवं बालक यीशु की मूर्ति पर लोबान का धूप दिखाया गया. उनके जन्म के स्थान तक तीन राजाओं को मार्गदर्शन करने वाले तारा स्वरूप हाथ में मोमबत्तियां लेकर उसके प्रकाश में चरनी में यीशु का स्वागत किया गया और जन्म से जुड़ी बातों का उल्लेख किया गया. प्रभु यीयु के जन्म की खुशी में कैरोल गीत गाये गये, जिसे सुनकर मसीही अनुयायी झूमने लगे. इस विधि के अंत में सांता क्लॉज के साथ श्रद्धा के साथ लोग नृत्य भी किये और आखिर में सभी श्रद्धालुओं को प्रसाद स्वरूप केक वितरित किया गया.

चरनी में सजी थी आकर्षक झांकी

चर्च में गोशाला की आकर्षक झांकी सजायी गयी थी. झांकी में चरनी, भेड़, बकरी व गड़रिये के प्रतिक दर्शाये गये थे. क्योंकि, प्रभु यीशु का जन्म गोशाला में हुआ था. तारे द्वारा यीशु के धरती पर आगमन की सूचना दी गयी थी, सो क्रिसमस पर तारे का विशेष महत्व होता है.

पूरे दिन बाजार रहा गुलजार, जमकर हुई खरीदारी

चक्की. क्रिसमस पर प्रार्थना करनेवाले लोगों की संख्या चक्की प्रखंड में भले ही अपेक्षाकृत कम है, लेकिन इसके बहाने केक व मिठाई खाने वालों की कमी नहीं है. क्रिसमस पर प्रखंड सहित जिले भर में केक मिठाई बाजार में उत्सवी माहौल रहा. प्रखंड के सभी निजी स्कूलों में बुधवार को क्रिसमस मनाया गया. प्रखंड में करीब 80 हजार रुपये के केक व मिठाई की बिक्री का अनुमान है.

मिठाई से ज्यादा केक की हुई बिक्री

बिहार सरकार के स्टार्टअप और ””ऑनलाइन केक”” भेजो फार्म के संस्थापक आशीष कुमार ने बताया कि क्रिसमस पर करीब 50 हजार रुपये के केक और 30 हजार रुपये की मिठाइयों की बिक्री होने का अनुमान है. उन्होंने बताया कि एक औसत आबादी वाली पंचायत में करीब 10 से 12 हजार रुपये के केक व मिठाई की खपत होती है. त्योहारी बिक्री पर यह आंकड़ा दोगुना हो जाता है. इस तरह चक्की प्रखंड में क्रिसमस पर करीब 80 हजार के केक व मिठाइयों की बिक्री होने का अनुमान है.

लोकल का रहा बोलबाला, ब्रांडेड सिमटा

आशीष कुमार का कहना है कि बड़े शहरों में ब्रांडेड केक की ज्यादा मांग रहती है, लेकिन जिले में स्थानीय बेकरी निर्मित केक का बोलबाला है. 40 लाख रुपये के केक की बिक्री में 80 प्रतिशत हिस्सेदारी स्थानीय निर्मित केक की है, जबकि 20 प्रतिशत में मोन्जनिज जैसे अन्य ब्रांड के केक हैं. क्रिसमस पर प्रखंड में करीब 50 हजार रुपये के केक का कारोबार तो हुआ ही साथ में लगभग 30 हजार रुपये की मिठाइयां भी बिकीं. बाजार के जानकार अमित पांडेय ने कहा कि 90 प्रतिशत खोया व छेना की मिठाइयों की बिक्री हुई है.

ड्राई फ्रूट की मिठाइयों की मांग कम रही

उनके द्वारा बताया गया कि काजू कतली, काजू बर्फी, ड्राई फ्रूट, लड्डू की मांग ग्रामीण क्षेत्र से ज्यादा शहरी क्षेत्र में होती है. मिठाई विक्रेता दीपक वर्मा ने कहा कि ग्रामीण क्षेत्रों में खीर कदम, रसगुल्ला, गुलाब जामुन, बर्फी, पेड़ा, स्पंज की मांग क्रिसमस पर बढ़ गयी. सामान्य दिनों से करीब दो गुना ज्यादा का कारोबार हुआ है.

डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

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