सभी निजी स्कूल बसों में हर हाल में लगाना होगा सीसीटीवी कैमरा
बक्सर जिले के सभी निजी विद्यालयों की बसों में हर हाल में सीसीटीवी कैमरा लगाना अनिवार्य होगा, ताकि यात्रा के दौरान वाहन की गतिविधि को रिकाॅर्ड किया जा सके. सीसीटीवी फुटेज 60 दिनों तक स्कूल प्रबंधन को संरक्षित करना होगा.
बक्सर जिले के सभी निजी विद्यालयों की बसों में हर हाल में सीसीटीवी कैमरा लगाना अनिवार्य होगा, ताकि यात्रा के दौरान वाहन की गतिविधि को रिकाॅर्ड किया जा सके. सीसीटीवी फुटेज 60 दिनों तक स्कूल प्रबंधन को संरक्षित करना होगा. सभी विद्यालयों के वाहन पर स्पष्ट अक्षरों में ऑन स्कूल ड्यूटी प्रदर्शित करना अनिवार्य होगा. यह फैसला गुरुवार को आयुक्त पटना प्रमंडल की अध्यक्षता में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से विद्यालय वाहन परिचालन विनियमन 2020 के संबंध में आयोजित समीक्षा बैठक में किया गया. बैठक में जिलाधिकारी अंशुल अग्रवाल, जिला परिवहन पदाधिकारी उपस्थित थे. बैठक में प्रमंडलीय आयुक्त ने कहा कि विद्यालय प्रबंधन द्वारा स्कूल बस में बच्चों को चढ़ाने एवं उतारने के लिए योग्य परिचारक की व्यवस्था करनी होगी. बालिका विद्यालयों के मामले में एक महिला परिचारक निश्चित रूप से होना चाहिए. उन्होंने विद्यालय वाहन परिचालन विनियमन 2020 के आलोक में विद्यालय वाहन के सुरक्षित परिचालन के लिए जिलास्तरीय समिति की आयोजित बैठकों में जिलांतर्गत सभी विद्यालयों के प्रबंधक, संचालकों को विद्यालय से परिचालित वाहनों के सुरक्षित परिचालन के लिए आवश्यक निर्देश दिये. बैठक में यह भी कहा गया कि वैसे वाहन चालक जिन्हें मोटरयान अधिनियम 1988 की धारा 183 (तेज गति में गाडी चलाना), धारा 184 (खतरनाक ड्राइविंग) एवं धारा 185 (नशे में ड्राइविंग) के आरोप में एक बार भी दंडित किया गया है तथा भारतीय दंड संहिता एवं पॉक्सो एक्ट के तहत अपराध किये जाने पर दंडित किया गया है, उन्हें विद्यालय प्रबंधन द्वारा वाहन चलाने की अनुमति नहीं दी जायेगी. चालकों को स्कूल वाहन में बच्चों के नाम, कक्षा, आवासीय पता, ब्लड ग्रुप, रुकने का स्थल, रूट प्लान आदि के बारे में पूरी सूची उपलब्ध रखनी होगी. यदि विद्यालय प्रबंधन किसी भी शिकायत पर कार्रवाई नहीं करते हैं, तो अभिभावक को इसकी सूचना जिला पदाधिकारी एवं जिला परिवहन पदाधिकारी को देनी होगी. जिला परिवहन पदाधिकारी द्वारा बताया गया कि माह दिसंबर, 2023 में जिलांतर्गत सभी विद्यालयों में परिचालित वाहनों की जांच के लिए अभियान चलाया गया था, जिसमें 24 विद्यालयों के कुल 121 वाहनों की जांच में दस्तावेज अद्यतन नहीं होने के कारण एमवी एक्ट की विभिन्न धाराओं के तहत 25,19,000 रुपये का शमन किया गया था.
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