सदर के साथ अनुमंडल अस्पताल में भी शुरू हुआ सिजेरियन प्रसव
जिले में संस्थागत प्रसव को बढ़ावा देने के साथ ही जिला स्वास्थ्य समिति सिजेरियन सेक्शन प्रसव के मामलों में गुणवत्तापूर्ण सेवाएं देने में तत्पर है
बक्सर. जिले में संस्थागत प्रसव को बढ़ावा देने के साथ ही जिला स्वास्थ्य समिति सिजेरियन सेक्शन प्रसव के मामलों में गुणवत्तापूर्ण सेवाएं देने में तत्पर है. जिसको लेकर जिला मुख्यालय स्थित सदर अस्पताल में जटिल प्रसव के मामलों से निपटने के लिए लेबर रूम और ऑपरेशन थियेटर में जहां आधुनिक उपकरण लगाए गए है, वहीं दक्ष चिकित्सकों की टीम और ट्रेंड नर्सों की मौजूदगी में सिजेरियन सेक्शन के प्रसव कराए जाते हैं. इसके लिए सदर अस्पताल प्रसव संबंधित सुविधाओं व सेवाओं को सुदृढ़ किया गया है. ताकि, प्रसव संबंधित मामलों के लिए जिले की गर्भवती महिलाओं को बाहर न जाने पड़े. सेवाओं और सुविधाओं में बढ़ोत्तरी के कारण अब लोगों का झुकाव निजी संस्थानों की अपेक्षा सरकारी अस्पतालों की ओर बढ़ गया है. वहीं, सदर अस्पताल के साथ अन्य सरकारी अस्पतालों में प्रशिक्षित व सक्षम चिकित्सक व स्वास्थ्य कर्मियों की निगरानी में प्रसव कराने के साथ साथ जच्चे बच्चे की उचित देखभाल की जाती है. संबंधित सुविधाएं और सेवा नि:शुल्क उपलब्ध : सदर अस्पताल के प्रबंधक दुष्यंत कुमार सिंह ने बताया, अब सदर अस्पताल में प्रसव को लेकर बहुत ही बेहतर सुविधा उपलब्ध है. लेबर रूम और ऑपरेशन थिएटर के अलावा प्रसव पूर्व वार्ड और मैटरनल वार्ड को भी व्यवस्थित किया गया है. उन्होंने बताया कि सदर अस्पताल के ओटी में चिकित्सक, ऐनेस्थेटिक और पेडिअट्रिशन स्पेशियलिस्ट के साथ दक्ष नर्सों की ओटी टीम मौजूद है. वहीं, आधुनिक उपकरणों की बात करें तो ओटी में प्रसव के मामलों को सुगमता से कराने के लिए हाइड्रोलिक बेट, सर्जिकल लाइट, सक्शन मशीन, रेडियेंट वार्मर आदि सभी जरूरी उपकरण उपलब्ध हैं. इसके अलावा ऑपरेशन के दौरान इस्तेमाल में लाई जाने वाली सभी दवाओं के अलावा रक्त की भी उपलब्धता है. सी-सेक्शन प्रसव के मामले में यदि किसी मरीज को रक्त की कमी होती है तो उन्हें बिना किसी डोनर के ही रक्त मुहैया कराया जाता है. निजी संस्थानों पर बरती जाएगी सख्ती, लिया जाएगा आंकड़ा : अपर मुख्य चिकित्सा पदाधिकारी डॉ. शैलेंद्र कुमार ने बताया कि पिछले वर्ष 2023-24 में सदर अस्पताल में 19637 प्रसव कराए गए. जिनमें सी-सेक्शन के 253 प्रसव कराए गए. जो लक्ष्य के काफी पीछे है. हालांकि, कई बार गर्भवती महिलाओं के परिजन उन्हें निजी स्वास्थ्य संस्थानों में सी-सेक्शन का प्रसव कराते हैं. जिसके कारण उनकी जेब पर अतिरिक्त खर्च का दबाव बढ़ जाता है. उन्होंने कहा कि लोगों को यह समझना होगा कि सदर अस्पताल में उनके लिए नि:शुल्क सेवाएं उपलब्ध है. उन्होंने बताया कि जिले के निजी संस्थानों से प्रसव के आंकड़ों के साथ सी-सेक्शन के प्रसव के आंकड़े भी मांगे जाएंगे. ताकि, संस्थागत प्रसव के मामलों की सटीक रिपोर्ट तैयार की जा सके. डुमरांव अनुमंडल अस्पताल के ओटी को जल्द ही लक्ष्य के लिए किया जाएगा तैयार : सिविल सर्जन डॉ. सुरेश चंद्र सिन्हा ने बताया कि सदर अस्पताल के साथ साथ डुमरांव अनुमंडलीय अस्पताल में भी सिजेरियन सेक्शन के प्रसव कराए जाने लगे हैं. जो लोगों के लिए अच्छी खबर है. अब डुमरांव अनुमंडल के जटिल प्रसव के मामलों को वहीं पर निष्पादित किया जाएगा. उन्होंने बताया कि अब अनुमंडल अस्पताल के ओटी औैर लेबर रूम को लक्ष्य के लिए तैयार किया जायेगा. इसके लिए अनुमंडल अस्पताल के ओटी और लेबर रूम में आधुनिक उपकरणों से लैस किया जायेगा. ताकि, डुमरांव अनुमंडलीय अस्पताल को भी लक्ष्य सर्टिफाइड बनाया जा सके.
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