चौसा कोचस पथ बनी झील15 किलोमीटर की दूरी तय करना हुआ मुश्किलहादसे की बढ़ी संभावना6 अगस्त- फोटो-15- रोड पर बने झील में धंसा ट्रक6 अगस्त- फोटो- 16- रोड पर बने गढ्ढे में लगा पानीराजपुर :- ए भाई जरा देख के चलो.. आगे ही नहीं पीछे भी ..यह कहावत इन दिनों चौसा कोचस हाईवे पथ की हो गयी है. जो आमजनों को जागरूक करने के लिए स्लोगन पढ़ाया जाता था. आज यह सच में दिख रहा है. चौसा गोला से बसही पुल तक लगभग 15 किलोमीटर से अधिक इस रोड पर दो से ढाई फीट तक गड्ढा हो जाने से झील का नजारा बन गया है.इस रोड पर प्रवेश करते ही चालक जान हथेली पर लेकर गाड़ी चला रहे हैं. इस पथ से प्रतिदिन सैकड़ो की तादाद में छोटी एवं बड़ी गाड़ियों का परिचालन होता है. पिछले आठ महीने से जर्जर रोड की हालत खराब होने से इसमें सुधार नहीं हो रहा है. कई बार अधिकारियों ने इस रोड को बनाने के लिए फरमान जारी किया. फिर भी किसी कारणवश इसके निर्माण की प्रक्रिया शुरू नहीं हो पाई है. जिससे रोड पर बने गड्ढे में प्रतिदिन माल ढोने वाली बड़ी गाड़ियां धंसकर खराब हो रही है. ऐसा ही कुछ देखने के लिए मंगलवार को मिला. लगातार कुछ घंटे की बारिश से यह रोड पूरी तरह से झील में तब्दील हो गया. जिस रास्ते से गुजरने वाले चालकों को भारी मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है. पानी से रोड दिखाई नहीं देने पर लोग रास्ते पर चलने से डर रहे हैं. इसी दौरान राजपुर गैस एजेंसी के समीप सासाराम की तरफ से आ रहा एक माल लदा ट्रक गड्ढे में फंसकर खराब हो गया. रोड के बीचो बीच फस जाने से गाड़ियों के गुजरने में भी परेशानी हो रही है. इसको बनाने के लिए मिस्त्री लगे हुए हैं. लगभग चार घंटे तक ट्रक इसमें फंसे होने से दोनों तरफ से कुछ देर के लिए गाड़ियों की लंबी कतार लग जा रही है. बारिश में रोड खराब होने से धीरे-धीरे गाड़ियां पार कर रही है. इस खराब रास्ते को लेकर क्षेत्र के शिक्षक दीपक कुमार, समाजसेवी मिथिलेश पासवान, रूपेश कुमार, प्रखंड सांख्यकी पदाधिकारी शशिभूषण पांडेय,अभय पाठक, शिक्षक जितेंद्र सिंह, धनंजय मिश्र, मुखिया प्रतिनिधि संजय सिंह,राम अवतार राम सहित अन्य लोगों ने बताया कि इन दिनों यह रोड मौत का कुआं बन गया है. फिलहाल इस रोड के गढ्ढो को भरना जरूरी हो गया है अन्यथा कोई भी बड़ी दुर्घटना हो सकती है.
ए भाई जरा देख के चलो.. आगे ही नहीं पीछे भी ..यह कहावत इन दिनों म हाईवे पथ की हो गयी है
राजपुर : ए भाई जरा देख के चलो.. आगे ही नहीं पीछे भी ..यह कहावत इन दिनों म हाईवे पथ की हो गयी है. जो आमजनों को जागरूक करने के लिए स्लोगन पढ़ाया जाता था. आज यह सच में दिख रहा है. चौसा गोला से बसही पुल तक लगभग 15 किलोमीटर से अधिक इस रोड पर दो से ढाई फीट तक गड्ढा हो जाने से झील का नजारा बन गया है.इस रोड पर प्रवेश करते ही चालक जान हथेली पर लेकर गाड़ी चला रहे हैं. इस पथ से प्रतिदिन सैकड़ो की तादाद में छोटी एवं बड़ी गाड़ियों का परिचालन होता है. पिछले आठ महीने से जर्जर रोड की हालत खराब होने से इसमें सुधार नहीं हो रहा है. कई बार अधिकारियों ने इस रोड को बनाने के लिए फरमान जारी किया. फिर भी किसी कारणवश इसके निर्माण की प्रक्रिया शुरू नहीं हो पाई है. जिससे रोड पर बने गड्ढे में प्रतिदिन माल ढोने वाली बड़ी गाड़ियां धंसकर खराब हो रही है. ऐसा ही कुछ देखने के लिए मंगलवार को मिला. लगातार कुछ घंटे की बारिश से यह रोड पूरी तरह से झील में तब्दील हो गया. जिस रास्ते से गुजरने वाले चालकों को भारी मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है. पानी से रोड दिखाई नहीं देने पर लोग रास्ते पर चलने से डर रहे हैं. इसी दौरान राजपुर गैस एजेंसी के समीप सासाराम की तरफ से आ रहा एक माल लदा ट्रक गड्ढे में फंसकर खराब हो गया. रोड के बीचो बीच फस जाने से गाड़ियों के गुजरने में भी परेशानी हो रही है. इसको बनाने के लिए मिस्त्री लगे हुए हैं. लगभग चार घंटे तक ट्रक इसमें फंसे होने से दोनों तरफ से कुछ देर के लिए गाड़ियों की लंबी कतार लग जा रही है. बारिश में रोड खराब होने से धीरे-धीरे गाड़ियां पार कर रही है. इस खराब रास्ते को लेकर क्षेत्र के शिक्षक दीपक कुमार, समाजसेवी मिथिलेश पासवान, रूपेश कुमार, प्रखंड सांख्यकी पदाधिकारी शशिभूषण पांडेय,अभय पाठक, शिक्षक जितेंद्र सिंह, धनंजय मिश्र, मुखिया प्रतिनिधि संजय सिंह,राम अवतार राम सहित अन्य लोगों ने बताया कि इन दिनों यह रोड मौत का कुआं बन गया है. फिलहाल इस रोड के गढ्ढो को भरना जरूरी हो गया है अन्यथा कोई भी बड़ी दुर्घटना हो सकती है.
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