फाइल- 2- हर्षोल्लास पूर्ण माहौल में संपन्न हुआ छठ, डूबते व उगते सूर्य को अर्घ देकर व्रतियों ने भगवान भास्कर से सुख एवं समृद्धि के लिए किया कामना
हर्षोल्लास पूर्ण माहौल में संपन्न हुआ छठ
8 नवंबर- फोटो- 2-खीरी नदी में भगवान भास्कर को अर्घ देते छठ व्रती.
8 नवंबर- फोटो-3- देवढिया सूर्य मंदिर पर भगवान सूर्य की पूजा करतीं महिलाएं.8 नवंबर- फोटो-4- कजरिया नहर पर भगवान भास्कर के पास सेल्फी लेते व्रती महिला संग युवतियां. राजपुर. प्रखंड के विभिन्न गांव में चार दिवसीय छठ पूजा शुक्रवार की सुबह उगते सूर्य को अर्घ्य देने के साथ ही संपन्न हो गया. हजारों की संख्या में श्रद्धालुओं ने नदी, तालाब और जलाशयों के किनारे छठ घाटों पर कमर तक पानी में खड़े होकर सूर्य देव को अर्घ्य अर्पित किया. छठ व्रतियों ने सूर्य देव को जल एवं दूध अर्पित कर प्रकृति के इस महापर्व पर प्राकृतिक फलों से सजे मौसमी फल, गन्ना, नारियल, ठेकुआ एवं अन्य व्यंजन बांस से निर्मित सूप में रखी अन्य वस्तुएं भी सूर्य और छठी माई को अर्पित की गयी. छठ की पारंपरिक गीतों को गाते हुए श्रद्धालुओं ने 36 घंटे का उपवास के बाद प्रसाद ग्रहण कर तोड़ा. क्षेत्र के सबसे प्रसिद्ध ऐतिहासिक सूर्य मंदिर देवढिया में भी क्षेत्र के अलावा उत्तर प्रदेश, बिहार के कैमूर, रोहतास एवं अन्य जिले से आये छठ व्रतियों ने मन्नतें पूरी करने के लिए छठ किया. इसके अलावा क्षेत्र के बारूपुर पोखरा, राजपुर पोखरा, संगरॉव नहर, खरगपुरा पोखरा, मंगरॉव नहर पुल, कजरिया, नागपुर धर्मावती नदी, ईंटवा नहर, खीरी धर्मावती नदी, मनोहरपुर डाकबंगला, उतमपुर पोखरा,रसेन प्राचीन शिव मंदिर पोखरा के अलावे ऐतिहासिक सूर्य मंदिर देवढ़ियां पर काफी भव्य तरीके से सजावट किया गया था. इस ऐतिहासिक सूर्य मंदिर पर गुरुवार की शाम से ही छठ व्रतियों का मेला लगा हुआ था. यहां दूर-दूर से पहुंचे छठ व्रतियों ने अपनी मनोकामना पूर्ण करने के लिए छठ किया. इस बार भी उत्तर प्रदेश के भांवरकोल से जतिन कुमार , अनुराधा कुमारी, दिल्ली से आए ज्ञानेश्वर सिंह व संजू देवी, निकट के पतेज गांव निवासी मुन्नी कुमारी, ओडवार गांव की प्रभावती देवी,स्थानीय निवासी शिक्षक अजीत सिंह, शिक्षिका संध्या कुमारी, बक्सर से नीलम देवी, रोहतास जिला के सेमरा निवासी अनुपम कुमार परिवार के साथ छठ पूजा किया. इस दौरान शिक्षक दिलीप कुमार, ब्रजेश कुमार सिंह, धनंजय गुप्ता के अलावा भास्कर पूजा समिति के सदस्यों ने आये हुए छठव्रतियों का स्वागत किया.
जल स्रोतों का बढ़ा महत्व :
क्षेत्र के विभिन्न ग्रामीण इलाकों में नहर में पानी नहीं होने से जल स्रोत वाले तालाबों का महत्व काफी बढ़ गया था. जिन जल स्रोतों के पास लोग पहले नहीं जाते थे. उन्हें साफ सफाई कर वहां छठ घाट बनाकर छठ व्रतियों ने उत्सवी माहौल में पूजा किया.बारुपुर काली मंदिर के समीप प्राकृतिक रूप से बने पोखर में सुभासपा के बिहार प्रदेश अध्यक्ष उदय नारायण राजभर एवं महिला मंच के प्रदेश अध्यक्ष अंजली राजभर ने डूबते एवं उगते सूर्य को अर्घ्य दिया. ग्रामीणों की मदद से इस तालाब को बेहतरीन तरीके से सजाया गया था. उत्तमपुर के प्राचीन पोखरे पर प्राकृतिक श्रृंगार से सजे हरे भरे पेड़ पौधों के बीच रंगीन बतियों से सजाकर इसे आकर्षक बना दिया गया था. ग्रामीणों का कहना था कि छठ पूजा के अवसर पर ही जल स्रोत का महत्व समझ में आता है. पूजा के साथ यह पोखरा लगभग सैकड़ों एकड़ खेत की सिंचाई कर किसानों के लिए जीवन दायनी भी है. ऐसे में इस तरह के तालाब एवं पोखरों का होना जरूरी है.भव्य महा आरती का हुआ आयोजन :
मनोहरपुर डाक बंगला के पास नहर के समीप छठ पूजा के तीसरे दिन डूबते सूर्य को अर्घ्य देने के उपरांत संध्या महा आरती का आयोजन किया गया. जिसमें छठ पूजा समिति के सदस्य रवि कुमार, छोटू पांडेय के अलावा सैकड़ों की तादाद महिला एवं पुरुष मौजूद रहे.छठ व्रतियों ने बताया कि महा आरती से इस वातावरण को शुद्ध कर भगवान भास्कर से सुख एवं समृद्धि की कामना की गयी.राजपुर.
शांतिपूर्ण तरीके से छठ पूजा संपन्न कराने के लिए प्रशासन भी पूरी तरह से अलर्ट रहा. क्षेत्र के कुल 15 घाटों को खतरनाक बनाया गया था. जिन घाटों पर मजिस्ट्रेट के साथ पुलिस बलों को तैनात किया गया था. साथ ही स्थानीय गोताखोरों को भी लगाया गया था. इस दौरान बीडीओ सिद्धार्थ कुमार,थाना अध्यक्ष संतोष कुमार अपने पुलिस बल के जवानों के साथ विभिन्न छठ घाटों पर भ्रमण करते रहे.राजपुर.
प्रखंड के कैमूर एवं बक्सर जिला को जोड़ने वाली खीरी धर्मावती नदी आकर्षण का केंद्र रहा. यह एक ऐसा घाट है. जिस नदी के एक छोर पर कैमूर जिला के मुखराव सहित आसपास के गांव से पहुंचे हजारों श्रद्धालु एवं बक्सर जिला के खीरी सहित अन्य गांव से पहुंचे हजारों श्रद्धालु धर्मावती नदी में स्नान कर भगवान भास्कर को अर्घ देते हैं. जो काफी आकर्षण का केंद्र रहा. यहां दोनों जिला से पहुंचे लोग इस दृश्य को अपने कैमरे में कैद कर रहे थे. यह लोगों के लिए काफी चर्चा का विषय रहा. यहां के स्थानीय मुखिया प्रतिनिधि वीरेंद्र गुप्ता ने बताया कि यह नदी भले ही दो जिलों का बंटवारा करती हो. लेकिन आस्था के संगम पर सबको एक साथ लाकर एक नई सीख देने का काम करती हैं. पानी की अविरल धारा में सभी पापों को भुला देने वाली यह नदी भगवान भास्कर के समक्ष सबको एक कर आपस में मिलकर रहने की प्रेरणा देती है.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है