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Buxar News: डॉक्टर की कमी से बच्चों का नहीं हो रहा इलाज

सीएचसी में विभागवार डॉक्टर नहीं होने से रोगियों की जांच नहीं हो रही है इन दिनों अधिकतर रोगियों को यहां से रेफर किया जा रहा है.

राजपुर. सीएचसी में विभागवार डॉक्टर नहीं होने से रोगियों की जांच नहीं हो रही है इन दिनों अधिकतर रोगियों को यहां से रेफर किया जा रहा है. इस अस्पताल के लिए एकमात्र चिकित्सा प्रभारी डॉक्टर अशोक कुमार व डॉ सुनील कुमार है. डॉ अशोक कुमार को भी सप्ताह में एक दिन सदर अस्पताल बक्सर भेज दिया गया है. आयुष चिकित्सक करते है मरीजों का इलाज यहां रोगियों की देखरेख आयुष चिकित्सक के माध्यम से की जा रही है. महिला प्रसव सामान्य बीमारी के अलावा कई अन्य छोटी बीमारियों के इलाज के लिए यहां आयुष डॉक्टर मौजूद है. जिन डॉक्टरों के सहारे रोगियों की जांच की जाती है. स्वास्थ्य विभाग के तरफ से संचालित विभिन्न योजनाओं को सुचारू रूप से चलाने के लिए पंचायतों में कार्यरत आशा कर्मी व अन्य स्वास्थ्य कर्मियों के सहारे उसे नियमित चलाया जा रहा है. नियमित टीकाकरण, पल्स पोलियो अभियान, कुष्ठ उन्मूलन अभियान के अलावा संबंधित योजनाएं अभियान के साथ चलायी जा रही है. फिर भी स्वास्थ्य विभाग में डॉक्टरों की घोर कमी है. सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में सभी विभागों के डॉक्टर के लिए विभागवार कमरे भी बना दिए गए हैं. यहां अब कई प्रकार के रोगों की जांच भी की जा रही है. जिस जांच के आधार पर डॉ रोगियों को दवा देते हैं. अब भी अल्ट्रासाउंड एवं कई अन्य बीमारियों की जांच नहीं होती है. सबसे अधिक परेशानी इन दिनों बच्चों की बीमारी को लेकर है. साधारण बीमारी की भी दवा देने के लिए कोई डॉक्टर नहीं है यहां बच्चों से संबंधित होने वाली साधारण बीमारी की भी दवा देने के लिए कोई डॉक्टर नहीं है. बक्सर कोचस मुख्य हाइवे पर अक्सर छोटी बड़ी दुर्घटना होती है. पिछले एक महीने में कई छोटी बड़ी दुर्घटनाएं हुई हैं. जिनमें कई लोगों को गंभीर चोट आयी थी. यहां हड्डी के डॉक्टर नहीं होने से अक्सर रोगियों को यहां से रेफर कर दिया जाता है. ऐसी स्थिति में प्रखंड के अंतर्गत आने वाले लगभग 245 गांव के लाखों लोगों का इलाज सामान्य डॉक्टरों के भरोसे ही हो रहा है. बच्चों में निमोनिया, टाइफाइड बुखार या अन्य प्रकार की कई छोटी बीमारियों का इलाज कराने के लिए लोगों को जिला मुख्यालय के अलावा पटना एवं वाराणसी जाना पड़ता है. स्वास्थ्य विभाग के तरफ से इसे आधुनिक बनाने की प्रक्रिया शुरू की गयी थी. जिस प्रक्रिया में सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र को भी बेहतर बनाने के लिए विभाग के तरफ से एक सर्जन,एक चाइल्ड स्पेशलिस्ट डॉक्टर की नियुक्ति की गयी थी. राजपुर में महज कुछ ही दिनों तक ड्यूटी करने के बाद इन्हें प्रतिनियुक्ति पर बक्सर सदर अस्पताल भेज दिया गया है. जिससे यहां डॉक्टरों की कमी हो गयी है. किसी भी आपात स्थिति में बड़ी सड़क दुर्घटना होने पर यहां प्राथमिक उपचार के बाद तुरंत रेफर कर दिया जाता है. इसको लेकर जदयू प्रखंड अध्यक्ष फुटूचन्द सिंह, पूर्व मुखिया मिथिलेश पासवान सहित अन्य लोगों ने मांग किया कि राजपुर में बेहतर स्वास्थ्य व्यवस्था के लिए विभागवार अन्य डॉक्टरों की नियुक्ति होना चाहिए.

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