Buxar News: कोहरे में ढका रहा शहर, ठिठुरते रहे लोग

Buxar News: पछुआ हवा के साथ ठंड का लगातार सितम बढ़ते जा रहा है. चार दिनों से पड़ रहे कोहरे ने गुरुवार को पूरे दिन छाया रहा

By Prabhat Khabar News Desk | January 2, 2025 9:51 PM

बक्सर .

पछुआ हवा के साथ ठंड का लगातार सितम बढ़ते जा रहा है. चार दिनों से पड़ रहे कोहरे ने गुरुवार को पूरे दिन छाया रहा. कोहरे के कहर का असर सूर्य पर पड़ा. लिहाजा साल के दूसरे दिन लोगों को सूर्य का दर्शन दोपहर दो बजे के बाद हुआ तो जरूर मगर ठंड से राहत नहीं मिला.

न्यूनतम तापमान आठ डिग्री रहा

हरे के चादर में दोपहर तक सूर्य ढका रहा. सूर्य के नहीं निकलने से लोगों पर ठंड का काफी असर पड़ा. वैज्ञानिकों का कहना है कि अगले एक सप्ताह तक न्यूनतम तापमान 8 डिग्री पर बना रहेगा. ठंड से लोगों को राहत नहीं मिलने वाला है. बताया जा रहा है कि पछुआ हवा के कारण विजिबिलिटी इतना काम हो गया कि सुबह पचास मीटर आगे तक का नहीं दिखायी दे रहा था. कोहरे के कारण सबसे अधिक परेशानी वाहन चालक को हो रही थी. वाहन धीमी गति में रेंगते हुए चल रही थी कि कहीं कोई दुर्घटना नहीं हो जाए. इसके अलावे कोहरे का असर रेलवे पर भी देखने को मिला. रात में चलने वाली ट्रेनें कई घंटे विलंब से रेलवे स्टेशन पर पहुंच रही थी. ट्रेन पकड़ने को लेकर कड़ाके की ठंड में लोगों को रेलवे स्टेशन पर काफी इंतजार करना पड़ रहा है.

कई ट्रेनें रही लेट

ठंड का सबसे अधिक असर बुजुर्गों पर रहा. वही ठंड के कारण ट्रेनें भी कई घंटों विलंब से चल रही हैं. ग्रामीण इलाके में चार दिनों के अंदर पारा लुढ़कने से लोगों की परेशानी बढ़ गयी है. गुरुवार को भी तापमान गिरा रहा और ठंडी हवा चलती रही. ठंड में पारा गिरने से लोगों की दिनचर्या पूरी तरह बदल गयी है. रात्रि पहर गर्म कपड़ों में भी ठंड का अहसास हो रहा है. लगातार बढ़ रही ठंड से गरीबों की मुश्किलें बढ़ गयी है. जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया है. बावजूद ठंड से राहत पाने के लिए नगर पर्षद और स्थानीय प्रशासन ने अब तक कोई सुध नही ली है. शहर में अलाव और कंबल वितरण नही होने से असहाय गरीब जैसे-तैसे ठंड में रातें गुजारने पर विवश है. पारा लुढ़कने से मौसम दिन-रात सितम ढाह रहा है बावजूद प्रशासन मौन है. आम लोगों के रोजमर्रे की रफ्तारो पर ब्रेक लग गया है. ठंड के कारण घरों में दुबके लोग चाह कर भी सुबह बेला में बाहर नही निकल पाते. वहीं महिलाओं को परेशानियों का सामना करना पड़ता है. पछुआ हवा की कनकनी से लोग बेहाल दिखे. ऐसा मौसम लोगों को सकून नही दे रहा है. दिन में धूप निकली लेकिन इससे कोई राहत नही मिल सकी. शाम होते ही जहां-तहां अलाव जलाकर लोग बैठे रहे.

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