पांच पंचायतों में स्वच्छता अभियान की नहीं हुई शुरुआत
प्रखंड के सभी 19 पंचायतों में स्वच्छता अभियान की गति धीमी हो गयी है
राजपुर.
प्रखंड के सभी 19 पंचायतों में स्वच्छता अभियान की गति धीमी हो गयी है. केंद्र सरकार एवं राज्य सरकार के तरफ से चलाया जा रहे स्वच्छ भारत मिशन एवं लोहिया स्वच्छता अभियान के आलोक में गांव को स्वच्छ एवं सुंदर बनाने का नारा दिया गया है. बावजूद स्थानीय मुखिया के द्वारा इस अभियान में सहयोग नहीं किए जाने से कई पंचायत में यह काम पूरी तरह से बंद है. विभागीय रिपोर्ट के अनुसार मंगराव, सिकठी, कैथहरकला, खरहना, मटकीपुर पंचायत में अब तक सफाई कर्मी एवं स्वच्छता पर्यवेक्षक की बहाली नहीं की गई है.इन पंचायतों के लिए भी 10 से 15 लख रुपए आवंटित कर दिए गए है. अन्य 14 पंचायतों में स्वच्छता शुल्क की वसूली नहीं हो रही है. पिछले कई महीने से राशि का अभाव होने से इसके कार्य में कमी हो गयी है.कचरे का नियमित उठाव नहीं हो रहा है. स्वच्छता मिशन टू अभियान के तहत 14 पंचायत में कचरा उठाव का भी काम शुरू कर दिया गया है. जिसके लिए स्वच्छताग्रही की भी नियुक्ति की गई है. जिन्हें प्रत्येक वार्ड के लिए एक ठेला गाड़ी एवं एक ई रिक्शा भी दिया गया है.घर-घर जाकर सुखे एवं गीले कचरे का उठाव कर कचरा प्रबंधन हाउस में इकट्ठा करना हैं. अभियान की शुरुआती दौर में आम जनों के बीच जागरूकता पैदा कर गांव को स्वच्छ एवं सुंदर बनाने के लिए ग्रामीणों को जागरूक किया गया. जिसका असर गांव में भी दिख रहा है.गांव के लोग भी अब साफ-सफाई पर विशेष ध्यान दे रहे हैं.कचरा प्रबंधन के लिए लगभग दस पंचायत में कचरा प्रबंधन हाउस भी बनकर तैयार हो गया है. जहां विभिन्न प्रकार के कचरों को अलग-अलग बने जगहों में रखा गया है.अभी तक पुनः निस्तारण के लिए इन कचरो को दूसरे जगह पर नहीं भेजा गया है. कई महीनो से काम कर रहे स्वछताकर्मियों को भी वेतन नहीं मिल रहा है. ऐसे में कार्य की गति बहुत धीमी हो गई है. ग्रीन एवं क्लीन पंचायत बनाने के लिए सरकार पूरी तरह से संकल्पित है.फिर भी यह सपना अधूरा दिख रहा है. वहीं प्रखंड स्वच्छता समन्वयक रविकांत मिश्रा ने बताया कि जिन पंचायतों में कचरे का उठाव हो रहा है. वहां स्वच्छता पर्यवेक्षक एवं सफाई कर्मियों के माध्यम से ग्रामीणों को जागरुक कर स्वच्छता शुल्क वसूलने की बात कही गई है. फिर भी लोग अभी समय पर शुल्क अदा नहीं कर रहे हैं. इससे सफाई कार्य में बाधा उत्पन्न हो रही है. अन्य पांच पंचायतों में राशि का आवंटन होने के बाद भी मुखिया के तरफ से सफाई कर्मी एवं स्वच्छता पर्यवेक्षक की बहाली नहीं की गई है.जिससे इन पंचायतों में इस अभियान की शुरुआत नहीं हुई है.
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