सरकारी अस्पताल में कमीशन का खेल: निजी क्लिनिकों में मरीजों को किया जाता है रेफर, जानिए कैसे काम करता है पूरा नेटवर्क…

बक्सर: डॉक्टर भगवान के रूप होते हैं परंतु कमीशन के खेल ने इस भगवान के अंदर से मानवीय संवेदना को खत्म कर रहा है और मरीजों के साथ आर्थिक दोहन हो रहा है. जी हॉ, यह बिल्कुल सत्य है. इसमें अतिश्योक्ति की कोई बात नहीं. सदर अस्पताल के डॉक्टर (कुछ को छोड़कर) कमीशन और मोटी कमाई के लिए मरीजों को न सिर्फ अस्पताल के बाहर जांच के लिए भेजते हैं बल्कि अपने निजी क्लिनिक में भी मरीजों को रेफर करते हैं.

By Prabhat Khabar News Desk | June 15, 2020 12:25 PM

बक्सर: डॉक्टर भगवान के रूप होते हैं परंतु कमीशन के खेल ने इस भगवान के अंदर से मानवीय संवेदना को खत्म कर रहा है और मरीजों के साथ आर्थिक दोहन हो रहा है. जी हॉ, यह बिल्कुल सत्य है. इसमें अतिश्योक्ति की कोई बात नहीं. सदर अस्पताल के डॉक्टर (कुछ को छोड़कर) कमीशन और मोटी कमाई के लिए मरीजों को न सिर्फ अस्पताल के बाहर जांच के लिए भेजते हैं बल्कि अपने निजी क्लिनिक में भी मरीजों को रेफर करते हैं.

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तरह-तरह की जांच लिखकर कमीशन वाले दुकानों पर भेजा जाता है

इसका खुलासा तब हुआ जब सदर अस्पताल में इलाज कराने के लिए अहिरौली के दिनेश कुमार, बक्सर शहर के शशि प्रकाश अपने घर के परिजनों को सदर अस्पताल में इलाज के लिए पहुंचे थे. अस्पताल के एक डॉक्टर ने पहले तो बाहर से जांच कराया फिर निजी क्लिनिक में इलाज के लिए रेफर किया. यह हाल केवल दिनेश और शशि की नहीं है बल्कि अधिकांश मरीजों की है. मरीज जब उनके निजी क्लिनिक में इलाज के लिए जाते हैं तो उन्हें तरह-तरह की जांच लिखकर कमीशन वाले दुकानों पर भेजते हैं ताकि मरीजों के खून से दौलत की बड़ी इमारत खड़ी की जा सके. निजी क्लिनिक में ये डॉक्टर अस्पताल के स्पेशलिस्ट डॉक्टरों से दिखाने का दावा भी करते हैं.

दलालों को अपने साथ ओपीडी के कक्ष में भी बैठाते हैं

डॉक्टरों (कुछ को छोड़कर) ने सदर अस्पताल में भी एक बड़ा नेटवर्क खड़ा किया है. दलालों को अपने साथ ओपीडी के कक्ष में भी बैठाते हैं और दलाल जांच के लिए बाहर की चिन्हित दुकानों पर भेजते हैं. इतना ही नहीं सदर अस्पताल में एमआर भी आते हैं और डॉक्टरों को कई उपहार ऑफर करने के नाम पर मरीजों के लिए बाहर से दवा लिखने को कहते हैं.

कहते हैं पदाधिकारी

बक्सर के सीएस डॉ जितेंद्र ने कहा कि निजी क्लिनिक चलाने को लेकर उनका अपना अधिकार है. रही बात अपने निजी क्लिनिक में भेजने की तो इस मामले में यदि कोई शिकायत करेगा तो डॉक्टरों पर कार्रवाई की जायेगी.

Posted by : Thakur Shaktilochan Shandilya

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