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सिमरी प्रखंड को जिला मुख्यालय से जोड़ने वाली वाली सड़क दुधारचक से मिशन मोड़ तक जर्जर

सिमरी प्रखंड को मुख्यालय से जोड़ने वाली सीमावर्ती क्षेत्र के सड़क की हालत काफी दयनीय हो गई है. सड़क जर्जर हो जाने से आने-जाने वाले लोगों को भारी परेशानी हो रही है

बक्सर. सिमरी प्रखंड को मुख्यालय से जोड़ने वाली सीमावर्ती क्षेत्र के सड़क की हालत काफी दयनीय हो गई है. सड़क जर्जर हो जाने से आने-जाने वाले लोगों को भारी परेशानी हो रही है. सिमरी, नगरपुरा, बडकागांव, केशवपुर, मानिकपुर, राजपुर, रामपुर, मुगरोल, नाट, उमरपुर, जाने वाले राहगीरों को अपने घर पहुंचने में घंटों समय लग जाता है. जबकि इस सड़क से सिमरी, केशवपुर, उमरपुर पंचायतों के हजारों लोग रोज सफर करते हैं.लेकिन आलम यह है कि इस सड़क में कई जगह गहरे गड्ढे बन चुके हैं.जिस कारण लोगों का सड़क से गुजरना मुश्किल हो गया है.जानकारी के अनुसार दो वर्ष पहले ही सड़क की स्थिति जर्जर हो गई.सड़कों में जगह-जगह गड्ढे बन गए हैं.इस मार्ग की कभी भी मरम्मत भी नहीं की गई, जबकि इस मार्ग से प्रतिदिन सैकड़ों वाहनों सहित अन्य भारी वाहनों का आना-जाना रहता है.ग्रामीण इलाकों की सड़कों की हालत इतनी ज्यादा दयनीय हो चुकी है कि उस पर वाहन लेकर चलना तो दूर की बात है पैदल चलना भी मुसीबत से कम नहीं है.कहीं-कहीं तो इस सड़क पर बड़े-बड़े गड्ढे बन चुके हैं.राहगीर इस रास्ते से जान जोखिम में डालकर गुजरते हैं.सड़क का खस्ताहाल रोजाना हादसों को न्योता दे रहा है.लेकिन इसकी सुध लेने वाला कोई नहीं है.इस रास्ते से हजारों की संख्या में छात्र – छात्राओं समेत ग्रामीण जनता जिला मुख्यालय प्रतिदिन अपनी जान को जोखिम में डाल कर आते हैं. दुधारचक से मिशन मोड तक जाने वाले सडक जर्जर लोगों ने कहा कि चुनाव आते ही गांव याद आ जाती है. ग्रामीण गोरख राय, जयप्रकाश राय,जयमंगल राय, संतोष मिश्रा, उदयनरायण राय, रामनिवास राय, संतोष कुमार, विनोद राय, उतम शर्मा ने बताया कि सड़क के खस्ता हालात के कारण आने-जाने में काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता है. टूटी-फूटी सड़क हर पल हादसों को न्योता दे रहा है. उन्होंने कहा कि चुनाव आते ही नेताओं को गांव की याद आने लगती है. नेता भी विकास की बातें कर लौट जाते हैं. चुनाव खत्म होता है. किसी को जीत तो किसी को हार मिलती है, पर गांवों का विकास और बदहाली वहीं छूट जाता है. ग्रामीणों ने कहा कि विभिन्न दल के नेता, जनप्रतिनिधि और अधिकारी सिर्फ आश्वासन देते हैं. लेकिन जमीनी स्तर पर काम नहीं करते. सड़क की स्थिति जर्जर होने से आमलोगों में आक्रोश है. क्या कहते हैं सहायक अभियंता ग्रामीण कार्य विभाग प्रमंडल बक्सर के सहायक अभियंता धीरज कुमार ने बताया कि सड़क निर्माण के लिए डीपीआर बनाकर भेजा गया है. आचार संहिता के कारण डीपाआर का स्वीकृति नहीं मिली है जैसे ही स्वीकृति मिलती है तो वैसे ही आगे की प्रक्रिया शुरू कर दी जायेगी.

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