12.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

सदर ब्लाॅक में 60 लाख की लागत से बनेगा वन स्टेप सेंटर का भवन

साल 2012 में दिल्ली में निर्भया कांड के बाद केंद्र की सरकार ने देश की निर्भयाओं (दुष्कर्म पीडि़ताओं) के लिए वन स्टेप सेंटर खोलने का फैसला लिया

बक्सर. साल 2012 में दिल्ली में निर्भया कांड के बाद केंद्र की सरकार ने देश की निर्भयाओं (दुष्कर्म पीडि़ताओं) के लिए वन स्टेप सेंटर खोलने का फैसला लिया. जिसके तहत बक्सर जिला में समाहरणालय के परिसर में छह सितंबर 2019 को वन स्टेप सेंटर स्थापित किया गया. तब से लेकर 1 अप्रैल 2024 तक यहां महिलाओं से जुड़ी हिंसा से संबंधित कुल 117 मामले आये. जिसमें से अधिकांश मामले का निस्तारण कर लिया गया है. 114 मामलों का निपटारा कर उसे विभाग के साइट पर अपलोड भी कर दिया गया है. जिसमें 17 मामले साइबर अपराध से जुड़ा था. सभी मामले काउंसलर के माध्यम से हल किए गये. वन स्टेप सेंटर के समन्वयक बंटी देवी ने बताया कि घर से लेकर दफ्तर तक, महिलाओं को लिंग के आधार पर कई बार भेदभाव और हिंसा का सामना करना पड़ता है. फिर चाहे वो ऑनर किलिंग हो, दहेज प्रताड़ना, एसिड अटैक या फिर लिंग के आधार पर गर्भपात. इस तरह की घटनाओं को रोकने और इसके खिलाफ महिलाओं को मजबूती से खड़ा करने के मकसद से ही ””””वन स्टेप सेंटर योजना””””””””, जिसे ””””सखी”””” नाम से भी जाना जाता है, को शुरू किया गया है. उनकी मानें तो बक्सर जिला में वन स्टेप सेंटर के प्रति महिलाओं का भरोसा बढ़ रहा है. केस भी अब पहले से ज्यादा आ रहा है. वन स्टेप सेंटर का भवन निर्माण के लिए सरकार ने 60 लाख रुपये का आवंटन कर दिया है. 1 अप्रैल 2024 को आवंटित राशि से सदर प्रखंड परिसर में भवन निर्माण के लिए निविदा भी प्रकाशित कर दिया गया है. वही सेंटर में कुल 13 पद स्वीकृत हैं. जिसमें 10 पदों पर बहाली की प्रक्रिया चल रही है. जबकि तीन पदों पर जिसमें एक पद एडमिस्ट्रेटर, एक पद अंशकालिक अधिवक्ता और एक पद ए.एन.एम पर प्रतिनियुक्त कर्मी है. शेष रिक्त दस पदों में जिसमें काउंसलर का एक, डाटा इंट्री ऑपरेटर का एक पद, मल्टी पर्पज स्टाफ उर्फ रसोइयां के कुल तीन पद, सुरक्षा प्रहरी के कुल तीन पद और दो पद केस वर्कर का रिक्त है. जिसके लिए प्रक्रिया जारी है. कर्मचारियों की कमी से वर्क लोड ज्यादा है : समाहरणालय परिसर में स्थापित वन स्टेप सेंटर में मात्र तीन लोग कार्यरत हैं. जबकि महिलाओं से जुड़ी हिंसा के मामले का वर्क लोड ज्यादा है. वर्क लोड के कारण समय से कार्य का निपटारा करने में परेशानी आती है.

डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें