जर्जर सदर प्रखंड कार्यालय कभी भी हो सकता है ध्वस्त
68 साल पुराना भवन होने के कारण भवन जर्जर हो गया. कहीं छत से सरिया बाहर निकल आया है तो कहीं दीवार का प्लास्टर टूट कर गिर रहा है.
बक्सर.
68 साल पुराना भवन में चलता है सदर प्रखंड व सदर अंचल व प्रखंड कार्यालय. इसका गवाह है भवन के दीवार पर लगा बोर्ड. जिसमें जिक्र है कि 1956 में भवन का निर्माण कराया गया था. मगर सदर प्रखंड और अंचल कार्यालय इसमें 1965 से चलाया जा रहा है. 68 साल पुराना भवन होने के कारण भवन जर्जर हो गया. कहीं छत से सरिया बाहर निकल आया है तो कहीं दीवार का प्लास्टर टूट कर गिर रहा है. बारिश के समय सदर अंचल के सीओ ऑफिस से पानी टपकता है. वही प्रखंड स्वच्छता कार्यालय में गरमी के दिन में लू के कारण कर्मियों की परेशानी बढ़ जाती है. सदर प्रखंड व अंचल कार्यालय के कर्मचारी अपने जान को जोखिम में डाल कर काम करते हैं. विभागीय सूत्रों के हवाले से मिली जानकारी के अनुसार 23 अक्तूबर 2024 को प्रखंड सह अंचल कार्यालय सह भवन निर्माण के लिए नजरी नक्शा उप विकास आयुक्त को भेजा गया है. प्रखंड सह अंचल कार्यालय की चहारदीवारी के लिए 12 अप्रैल 2016 को 68 लाख 64 हजार रुपये के लागत से योजना बनाया गया था. चहारदीवारी नहीं होने की वजह से पंचायत चुनाव व अन्य चुनाव में परेशानी का सामना करना पड़ता है. वहीं 6 दिसंबर 2023 पंत्राक 1853 को विभाग को सूचना दिया गया था कि सदर प्रखंड व सदर अंचल कार्यालय का भवन जर्जर हो गया है. भवन का निर्माण कराने की आवश्यकता है. इस भवन की जर्जर हालत की सूचना एक सितंबर 2021 से ही विभाग को दिया जा रहा है. लेकिन अभी भवन निर्माण के लिए केवल कागज में ही सूचना दिया जाता है. अभी तक न तो भवन निर्माण हेतु कोई राशि का आवंटन विभाग के द्वारा किया गया है. सदर प्रखंड व सदर अचल के जर्जर भवन होने के कारण बहुत सारे दस्तावेज जो बारिश के समय में छत से पानी टपकता है. उससे बहुत सारे महत्वपूर्ण कागजात नुकसान हो रहा है. फाइलें सड़कर फट रही हैं. अंचल में बहुत सारे ऐसे भी दस्तावेज हैं जो भू संबंधित है. जिसके लिए सदर अंचल के भू-स्वामी के लिए अति महत्वपूर्ण है. ऐसे में जर्जर भवन में रखना खतरा से खाली नहीं है.आरटीपीएस काउंटर में बिजली को तार से है खतरा :
सदर प्रखंड में विभिन्न कामों निवास जाति आय जमीन संबंधित बनाये गये आरटीपीएस काउंटर को संचालित करने के लिए बिजली के तार जो हैं. वह पुराने वायर होने के कारण बहुत जगह कटे गये हैं. लेकिन खतरा को मोल लेते हुए डाटा ऑपरेटर प्रति दिन काम करते हैं.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है