10 जून- फ़ोटो-1- सूखा पड़ा नागपुर राजवाहा राजपुर. प्रखंड के किसी भी राजवाहा में रोहिणी नक्षत्र समाप्ति के बाद भी अभी तक पानी नहीं आया है. खेतों की पैदावार बढ़ाने व किसानों को आर्थिक रूप से मजबूत बनाने के लिए सरकार द्वारा समय पर उन्नत बीज व खाद का प्रयोग करने के लिए प्रशिक्षण दिया जा रहा है. कृषि वैज्ञानिकों के द्वारा सलाह दिया गया कि रोहिणी नक्षत्र में धान का बिचड़ा डालने से फसल की पैदावार बंपर होगी. बावजूद क्षेत्र के किसी भी राजवाहा में अभी तक पानी नहीं आया है. तेज धूप एवं बढ़ते तापमान के कारण खेतों में बड़ी-बड़ी दरारें पड़ गयी है. साथ ही प्रखंड के कई पंचायत में भूमिगत जलस्तर नीचे चल जाने से पेयजल की भी समस्या बढ़ती जा रही है. गांव के सभी तालाब व पोखरा पूरी तरह से सूख गए हैं. एक तरफ जहां किसान पेयजल की समस्या से जूझ रहे हैं. वहीं बिचड़ा डालने के लिए पानी का इंतजाम करना समस्या बना हुआ है. किसानों को धान का बिचड़ा डालने में काफी परेशानी हो रही है. कई गांव के किसान डीजल पंप सेट एवं इलेक्ट्रिक मोटर चलाकर बिचड़ा डाल रहे हैं.जो महंगा साबित हो रहा है. अभी तक महज पांच से 10 फीसदी किसानों ने बिचड़ा डाला है. कुछ किसान नहर में पानी आने की आस लगाए बैठे हैं. मानसून आने का इंतजार कर रहे हैं. इस संबंध में राजपुर के किसान मनोज त्रिगुण, अकोढ़ी के किसान श्रीराम मौर्य के किसान अभय सिंह ने बताया कि पंप सेट चलाने से भूमिगत जलस्तर नीचे जा रहा है. इसके वजह से चापाकल भी बंद हो रहा है. समय पर धान का बिचड़ा नहीं डालने से फसल भी प्रभावित होने की संभावना हो गई है.
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