दो विभागों के पेच में लटका सोन नहर की जमीन पर बना बस स्टैंड का विकास
जयप्रकाश बस स्टैंड दो विभाग के चक्कर में मूलभूत सुविधा से वंचित है
बक्सर.
जयप्रकाश बस स्टैंड दो विभाग के चक्कर में मूलभूत सुविधा से वंचित है. जबकि देश के कोने-कोने से लोग श्री राम की शिक्षास्थली व कथकौली की लड़ाई की मैदान देखने आते हैं. जिला मुख्यालय के इकलौता बस स्टैंड जहां से राज्य से बाहर के लिए भी बस मिलती है. वह बस स्टैंड मूल सुविधाओं से वंचित है. सूत्रों के हवाले से मिली जानकारी के अनुसार बक्सर नगर परिषद में आता है लेकिन वह सोन नहर विभाग के जमीन पर स्थित है. जब बस स्टैंड की विकास की बात आती है तो नगर परिषद हाथ खड़ा कर देता है कि यह बस स्टैंड सोन नहर विभाग के जमीन पर है. वही सोन नहर विभाग अधिकारियों का कहना है कि लगभग 50 वर्ष से नगर परिषद इसका नीलामी करता है और बस स्टैंड में स्थित दुकानों का किराया भी नगर परिषद लेता है. ऐसे में दो विभाग सोन नहर और नगर परिषद के आपसी समन्वय नहीं होने के कारण कोई भी विकास का कार्य नहीं हो रहा है.जिसके कारण आमजनों एवं यात्रियों को मूलभूत सुविधाओं से वंचित होना पड रहा है. भूलभूत सुविधा जैसे शौचालय, पीने के लिए पानी, बारिश के दिन और गर्मी के दिनों में सर छिपाने के लिए न तो कोई समुचित व्यवस्था है. न ही लाइट की व्यवस्था है. रात में आने जाने यात्रियों के मोबाइल के सहारे अपना काम चलाते हैं. इस संबंध में जिला अधिकारी अंशुल अग्रवाल ने बक्सर बस स्टैंड के जीर्णोद्धार की समीक्षा की . समीक्षा के क्रम में पाया गया कि सोन नहर और नगर परिषद के आपसी समन्वय नहीं होने के कारण वही अनुमंडल पदाधिकारी बक्सर को निर्देश दिया गया कि बस स्टैंड से संबंधित यथा बंदोबस्ती, भूमि का स्वामित्व, दुकान निर्माण, अवैध अतिक्रमण एवं अन्य बिंदुओं पर संबंधितों के साथ समीक्षा करते हुए अद्यतन प्रतिवेदन उपलब्ध कराना सुनिश्चित करें.
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