राम जन्म लीला देख भावविह्वल हुए श्रद्धालु

रामलीला कार्यक्रम के दौरान ब्रजवासी कलाकारों द्वारा 'राम जन्म, नामकरण' नामक प्रसंग का मंचन करते हुए दिखाया गया

By Prabhat Khabar News Desk | September 28, 2024 10:00 PM
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बक्सर.

श्री रामलीला समिति के तत्वावधान में रामलीला मैदान स्थित विशाल मंच पर चल रहे 21 दिवसीय विजयादशमी महोत्सव के चौथे दिन शनिवार को श्रीधाम वृंदावन से पधारी सुप्रसिद्ध रामलीला मंडल श्री राधा माधव रासलीला एवं रामलीला मंडल के स्वामी श्री सुरेश उपाध्याय “व्यास जी ” के सफल निर्देशन में दिन में कृष्ण लीला व रात्रि में रामलीला के प्रसंग का मंचन किया गया. जिसमें देर रात्रि मंचित रामलीला कार्यक्रम के दौरान ब्रजवासी कलाकारों द्वारा ”राम जन्म, नामकरण” नामक प्रसंग का मंचन करते हुए दिखाया गया कि रावण का अत्याचार बढ़ने पर इंद्र आदि देवताओं द्वारा प्रभु का स्मरण किए जाने पर नारायण भगवान प्रकट होते हैं और सभी देवताओं को आश्वस्त करते हैं. तब सभी देवता वहां से प्रसन्नवदन होकर चले जाते हैं. इधर राजा दशरथ अपनी सभा में बैठे यह विचार करते हैं. मेरे पास सब कुछ है परंतु कोई संतान नहीं है. यह विचार करते हुए वह महाराज गुरु वशिष्ठ के पास जाते हैं. जहां वशिष्ठ जी उन्हें संतान प्राप्ति हेतु पुत्रेष्टि यज्ञ कराने का सुझाव देते हैं. महाराज दशरथ द्वारा इसकी स्वीकृति पाकर गुरु वशिष्ठ जी श्रृंगी ऋषि को बुलवाकर पुत्रेष्टि यज्ञ करवाते हैं. जहां यज्ञ से अग्निदेव प्रकट होकर राजा दशरथ को हवि प्रसाद देते हैं, जिसके प्रताप से महाराजा दशरथ को चार पुत्रों की प्राप्ति होती है. गुरु वशिष्ठ द्वारा इनका नामकरण संस्कार किया जाता है और चारों का नाम राम,लक्ष्मण,भरत,और शत्रुघ्न रखा जाता है. इस दौरान दर्शक दीर्घा से जय श्री राम की उद्घोष होने लगती हैं और पूरा पांडाल जयकारों से गुंजायमान हो जाता हैं. इसके पूर्व दिन में ”माखन चोरी लीला” प्रसंग का मंचन किया गया. जिसमें दिखाया गया कि ”श्रीकृष्ण को अपने घर में माखन चोरी करते हुए यशोदा मैया पकड़ लेती हैं और अपने लल्ला को माखन चोरी की आदत छोड़ने को कहती हैं कि इसी के कारण ब्रज की गोपियाँ तुम्हारी रोज शिकायत लेकर आती है. श्रीकृष्ण अपनी मैया को माखन चोरी छोड़ने का वचन देते हैं और दूसरी तरफ ब्रज गोपियों के घर माखन चोरी करने पहुँच जाते हैं. गोपियाँ कन्हैया को पकड़ लेती है परन्तु कृष्ण गोपियों को अपने बातों में उलझा कर उनके ही घर में बांधकर अपने सखाओं के साथ माखन की चोरी करते हैं. दृश्य को देख दर्शक मंत्रमुग्ध हो श्रीकृष्ण की जयकार करने लगते हैं. लीलाओं के दौरान रामलीला पंडाल दर्शकों से खचाखच भरा हुआ था.

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