Diarrhea In Buxar: बक्सर के डुमरांव थाना क्षेत्र के बनकट गांव में डायरिया का प्रकोप इस कदर देखने को मिला कि अनुमंडल अस्पताल के आपातकालीन कक्ष के ओटी में मरीजों को रखना पड़ा. सभी कक्ष में मरीज मौजूद थे, पूरा अस्पताल खचाखच भर गया था. शनिवार की शाम से मरीजों का पहुंचना शुरू हुआ, जो देर रात तक सिलसिला चलता रहा. मरीजों की संख्या लगभग पचास से अधिक था.
स्थिति को देखते हुए अस्पताल प्रबंधन ने अपने सभी स्वास्थ्य कर्मियों को बुलाया, जिन्होंने देर रात मरीजों की स्थिति काबू होने तक डटे रहे. अस्पताल परिसर वेटिंग हाल, डॉक्टरों की सूची के समीप के अलावा ओटी कक्ष में व बाहर, आपातकालीन में सभी वार्ड सहित गलियारे में लगे बेड पर मरीज का इलाज हुआ.
रात तक अस्पताल में अधिकारियों का लगा रहा तांता
बता दें कि मरीजों की संख्या व स्थितियों को देखते हुए उपाधीक्षक डाॅ गिरीश कुमार सिंह पूरे रात अस्पताल में डटे रहे. हालांकि स्थित को देखते हुए अपने आवास पर चले गए थे, लेकिन एसडीएम राकेश कुमार के पहुंचते ही, वह भी आनन-फानन में अस्पताल पहुंचे. वहीं एंबुलेंस चालक भी पीछे नहीं रहे, शाम से लेकर रात भर बनकट गांव से अनुमंडल अस्पताल में आवागमन करते रहे.
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मरीजों में सुधार होने पर जागरूक कर भेज जा रहा घर
सोमवार को डाॅ शिव कुमार चौधरी, डाॅ अजीत किशोर, डाॅ उपेंद्र प्रसाद, डाॅ जुनैद अख्तर अंसारी, डाॅ सुमित सौरभ सहित स्वास्थ्य कर्मी तैनात दिखे. उपाधीक्षक व प्रबंधक देवेन्द्र तिवारी ने बताया कि सभी मरीजों की स्थिति सामान्य है. मरीज में सुधार होने पर उन्हें जागरूक कर घर भेजा जा रहा है.
सोमवार को जाने वाले मरीज व उनके परिजन आपातकालीन विभाग की स्थिति देख दंग रह गए. देर रात तक सिविल सर्जन डॉ सुरेश चंद्र सिन्हा, एसडीएम राकेश कुमार, एसडीपीओ अफाक अख्तर अंसारी, पीएचसी प्रभारी डॉ आरबी प्रसाद, बीडीओ संदीप कुमार पाण्डेय अस्पताल में डटे रहे.
एक दर्जन बच्चों की थी संख्या
सभी अधिकारी स्थिति सामान्य देख अस्पताल से निकलें. अस्पताल प्रबंधन की मानें तो लगभग 48 डायरिया के मरीज बनकट गांव से आए थे, जिसमें लगभग एक दर्जन बच्चों की संख्या है. सोमवार को पीएचसी प्रभारी डॉ आरबी प्रसाद के नेतृत्व में मेडिकल कैंप लगाया गया, जिसमें गांव के लोगों को डायरिया से बचाव संबंधित जानकारी के साथ ओआरएस वितरण किया गया. मेडिकल टीम द्वारा सभी को ओआरएस, मेंट्रोनाइजोल, जिंक, ओंडेम दिया गया.
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