Buxar News: जिले की आबोहवा खराब एक्यूआइ पहुंचा 315 पर
Buxar News: शनिवार की अपराह्न तीन बजे बक्सर जिले का एक्यूआइ 315 पर पहुंच गया. कई दिनों से आसमान में डेरा जमाये बादल हटते ही शहर की आबोहवा एक बार फिर खराब हो गयी
बक्सर
. शनिवार की अपराह्न तीन बजे बक्सर जिले का एक्यूआइ 315 पर पहुंच गया. कई दिनों से आसमान में डेरा जमाये बादल हटते ही शहर की आबोहवा एक बार फिर खराब हो गयी. हवा में धूल व वाहनों का धुआं बढ़ता जा रहा है. इससे लोगों को सांस लेने में दिक्कत और आंखों में जलन की समस्या हो रही है. वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआइ) शनिवार को बेहद खराब से गंभीर श्रेणी में पहुंच गया. सुबह एक्यूआइ 300 के पार गया. शहर के बाहरी क्षेत्र गोलंबर के पास में वायु प्रदूषण अधिक खराब रहा. यहां हवा सांस लेने लायक नहीं रही. यहां 2.5 माइक्रोन आकार के धूल कणों का स्तर 353 पर पहुंच गया. वहीं पीएम-10 माइक्रोन आकार के धूल कणों का स्तर 464 पर पहुंच गया. ये धूल के कण हवा में जहर घोल रहे हैं. दूषित वायु से शहरवासियों की दम घुट रही है. सदर अस्पताल और गोलंबर की तरफ से गुजरने पर लोगों को सांस लेने में तकलीफ हो रही है. गत दो दिनों से बक्सर में हवा की गुणवत्ता हानिकारक रही. बक्सर शहर की आबोहवा खराब होने की वजह से हर किसी को शहर में मास्क लगाकर निकलना ही बेहतर है. प्रसिद्ध फिजिशियन डॉ अनिल कुमार सिंह ने कहा कि जब तक हवा की वायु गुणवत्ता में कुछ सुधार नहीं हो जाता है वैसे में लोगों को लंबे या भारी परिश्रम को कम करना चाहिए. जिन लोगों को दिल या फेफड़ों की बीमारी है, वैसे लोगों को सतर्क रहने की जरूरत है. वही अस्थमा से पीड़ित लोगों को अपनी अस्थमा की कार्ययोजना का पालन करना चाहिए और त्वरित राहत दवा को संभाल कर रखना चाहिए. आप अपने वायु प्रदूषण के जोखिम को कम करने के लिए एयर प्यूरीफायर का उपयोग करके और बाहरी गतिविधियों को कम करने के लिए फेस मास्क पहन सकते हैं. वायु प्रदूषण के कारण स्वास्थ्य के प्रतिकूल प्रभाव का अनुभव करने के उच्च जोखिम में होने की संभावना है.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है