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Buxar News: अंजनी सरोवर की सीढ़ी और मंच के निर्माण कार्य में गड़बड़ी

Buxar News: पंचकोसी मेला से जुड़े अंजनी सरोवर में सीढ़ी के निर्माण कार्य और मंच के निर्माण कार्य में गड़बड़झाला उजागर हुआ है. हालांकि नप के इओ ने इसे गंभीरता से लेते हुए जांच का आदेश जारी कर दिया है.

बक्सर

. पंचकोसी मेला से जुड़े अंजनी सरोवर में सीढ़ी के निर्माण कार्य और मंच के निर्माण कार्य में गड़बड़झाला उजागर हुआ है. हालांकि नप के इओ ने इसे गंभीरता से लेते हुए जांच का आदेश जारी कर दिया है.

इओ ने दिया जांच का आदेश

वही सीढ़ी का निर्माण कार्य पानी की सतह तक लेकर जाने को लेकर जेइ को निर्देश दिया है. जैसा दिख रहा है वैसा नहीं रहेगा. उसे चेंज करने का निर्देश जेइ अंजनी कुमार को दे दिया गया है. कितने लागत की राशि से निर्माण कार्य कराया गया है. जेइ अंजनी कुमार से पूछ लीजिए. साथ ही निर्माण से संबंधित प्राक्कलन बोर्ड भी लगाने का निर्देश जारी किया है. इओ ने कहा निर्माण कामचलाउ नहीं रहेगा. गौरतलब है कि अंजनी सरोवर में बनाये गये सीढ़ी का निर्माण घटिया है. साथ ही पानी की सतह तक सीढ़ी भी नहीं बनाया गया है. कितने की लागत से यह निर्माण कार्य कराया गया है. निर्माण कार्य से संबंधित कोई प्राक्कलन बोर्ड भी नहीं लगा है.

कई लोगों ने किया था विभाग से शिकायत

जबकि निर्माण कार्य पूरा हुए पंद्रह दिन से ज्यादा का समय बीत चुका है. इस संबंध में बसांव पीठाधीश्वर अच्युत प्रपन्नाचार्य जी महाराज ने कहा कि सीढ़ी व मंच के निर्माण कार्य में गबबड़झाला है. जिसकी शिकायत मुझे भी मिली है. जबकि अंजनी सरोवर परिसर में बनाये गये मंच की सीढ़ी कई जगह टूट रही है. निर्माण कार्य से संबंधित प्राक्कलन बोर्ड नहीं लगाया गया है. जिसे लेकर सोशल एक्टिविस्ट वर्षा पांडेय ने भी अपनी नाराजगी प्रकट कर चुकी हैं. उन्होंने डीएम से गुहार लगाया है कि एक बार फिर डीएम साहब को अंजनी सरोवर का निरीक्षण करना चाहिए ताकि उन्हें यह पता चल सकें कि उनके आदेश का कितना पालन किया गया है. गौरतलब है कि निर्माण कार्य के समय जिलाधिकारी अंशुल अग्रवाल पहुंचे थे. जिसे लेकर उन्होंने भी कई दिशा-निर्देश जारी किया था. सामाजिक कार्यकर्ता रामजी सिंह ने कहा कि नगर परिषद भ्रष्टाचारियों का अड्डा बन चुका हैं. हमने तो कई योजनाओं में बरती गयी. अनियमितता का साक्ष्य भी जिलाधिकारी को प्रस्तुत किया. मगर हुआ क्या. जिन योजनाओं में अनियमितता बरतने का साक्ष्य दिया गया. उसकी जांच डीडीसी से कराने के लिए सौंप दिया गया. इससे थक हारकर मैनें, तो डीएम साहब से गुहार लगाया है कि जो भी नगर परिषद से संबंधित साक्ष्य दिया गया है, उसे मुझे वापस कर दिया जाये.

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