अनुपस्थित चिकित्सकों पर कार्रवाई नहीं किये जाने सेे सीएस पर खफा हुए डीएम 3 अक्टूबर- फोटो- 4- सिविल सर्जन के साथ बैठक करते डीएम अंशुल अग्रवालबक्सर. जिलाधिकारी अंशुल अग्रवाल की अध्यक्षता में गुरुवार को स्वास्थ्य विभाग की समीक्षा बैठक समाहरणालय सभाकक्ष में की गई. बैठक में मातृ स्वास्थ्य कार्यक्रम अंतर्गत संस्थागत प्रसव की समीक्षा के क्रम में आशा कार्यकर्ताओं का योगदान असंतोषजनक पाया गया. प्रगति प्राप्त नहीं करने के कारण कितने आशा के विरुद्ध कार्रवाई की गई या चयनमुक्त किया गया, के संबंध में अद्यतन प्रतिवेदन समर्पित करने का निर्देश सिविल सर्जन को दिया गया. साथ ही समीक्षा के क्रम में पाया गया कि सदर अस्पताल बक्सर में कार्यरत दो शिशु रोग विशेषज्ञ चिकित्सक डॉ. हरे राम तथा डॉ. विवेकानंद अनाधिकृत रूप से अनुपस्थित हैं. इस संबंध में सिविल सर्जन बक्सर के द्वारा अब तक कोई भी कठोर अनुशासनात्मक कार्रवाई नहीं किए जाने पर जिलाधिकारी ने खेद व्यक्त की. अनुपस्थित चिकित्सकों के विरुद्ध अब तक कोई कार्रवाई नहीं किए जाने के संबंध में स्पष्ट मंतव्य सहित प्रतिवेदन उपलब्ध कराने के लिए सिविल सर्जन को निर्देश दिया गया. वही रघुनाथपुर में अवैध नर्सिंग होम में एक बच्चे की मृत्यु पर प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी रघुनाथपुर के द्वारा अभी तक कोई ठोस कार्रवाई नहीं की गई है एवं ना ही प्रतिवेदित किया गया है, जो अत्यंत खेदजनक है. इस संबंध में प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी को स्पष्टीकरण समर्पित करने का निर्देश दिया गया. जबकि महिला बंध्याकरण की समीक्षा के क्रम में प्रगति असंतोषजनक पाया गया. सिविल सर्जन बक्सर के द्वारा महिला बंध्याकरण में वृद्धि के लिए कोई कार्य योजना भी प्रस्तुत नहीं किया गया. निर्देश दिया गया कि आशा कार्यकर्ता, बीएचएम, बीसीएम एवं जनप्रतिनिधि इत्यादि के सहयोग से महिला बंध्याकरण में वृद्धि के लिए लक्ष्य के साथ कार्य योजना तैयार कर एक सप्ताह के अंदर समर्पित करेंगे. बैठक में डीएम ने बताया कि अस्पताल प्रबंधन के छह संकेतकों में बेहतर प्रदर्शन पर केंद्र सरकार द्वारा एनक्यूएएस सर्टिफिकेशन प्रदान किया जाता है. राज्य स्तरीय टीम द्वारा एनक्यूएएस सर्टिफिकेशन के आकलन के दौरान सिमरी के जीएनएम किरण कुमारी अनुपस्थित पाई गई. जिसके कारण आकलन कार्य नहीं किया जा सका. इस संबंध में गत बैठक में किरण कुमारी, जीएनएम के विरुद्ध कार्रवाई करने का निर्देश दिया गया था, परंतु कार्रवाई के नाम पर खानापूर्ति की गई है. जिसे गंभीरता से लेते हुए डीएम ने पुनः सिविल सर्जन को निर्देश जारी किया कि किरण कुमारी, जीएनएम के विरुद्ध कठोर कार्रवाई करें.
जिलाधिकारी अंशुल अग्रवाल की अध्यक्षता में गुरुवार को स्वास्थ्य विभाग की समीक्षा बैठक समाहरणालय सभाकक्ष में की गयी.
बक्सर. जिलाधिकारी अंशुल अग्रवाल की अध्यक्षता में गुरुवार को स्वास्थ्य विभाग की समीक्षा बैठक समाहरणालय सभाकक्ष में की गई. बैठक में मातृ स्वास्थ्य कार्यक्रम अंतर्गत संस्थागत प्रसव की समीक्षा के क्रम में आशा कार्यकर्ताओं का योगदान असंतोषजनक पाया गया. प्रगति प्राप्त नहीं करने के कारण कितने आशा के विरुद्ध कार्रवाई की गई या चयनमुक्त किया गया, के संबंध में अद्यतन प्रतिवेदन समर्पित करने का निर्देश सिविल सर्जन को दिया गया. साथ ही समीक्षा के क्रम में पाया गया कि सदर अस्पताल बक्सर में कार्यरत दो शिशु रोग विशेषज्ञ चिकित्सक डॉ. हरे राम तथा डॉ. विवेकानंद अनाधिकृत रूप से अनुपस्थित हैं. इस संबंध में सिविल सर्जन बक्सर के द्वारा अब तक कोई भी कठोर अनुशासनात्मक कार्रवाई नहीं किए जाने पर जिलाधिकारी ने खेद व्यक्त की. अनुपस्थित चिकित्सकों के विरुद्ध अब तक कोई कार्रवाई नहीं किए जाने के संबंध में स्पष्ट मंतव्य सहित प्रतिवेदन उपलब्ध कराने के लिए सिविल सर्जन को निर्देश दिया गया. वही रघुनाथपुर में अवैध नर्सिंग होम में एक बच्चे की मृत्यु पर प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी रघुनाथपुर के द्वारा अभी तक कोई ठोस कार्रवाई नहीं की गई है एवं ना ही प्रतिवेदित किया गया है, जो अत्यंत खेदजनक है. इस संबंध में प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी को स्पष्टीकरण समर्पित करने का निर्देश दिया गया. जबकि महिला बंध्याकरण की समीक्षा के क्रम में प्रगति असंतोषजनक पाया गया. सिविल सर्जन बक्सर के द्वारा महिला बंध्याकरण में वृद्धि के लिए कोई कार्य योजना भी प्रस्तुत नहीं किया गया. निर्देश दिया गया कि आशा कार्यकर्ता, बीएचएम, बीसीएम एवं जनप्रतिनिधि इत्यादि के सहयोग से महिला बंध्याकरण में वृद्धि के लिए लक्ष्य के साथ कार्य योजना तैयार कर एक सप्ताह के अंदर समर्पित करेंगे. बैठक में डीएम ने बताया कि अस्पताल प्रबंधन के छह संकेतकों में बेहतर प्रदर्शन पर केंद्र सरकार द्वारा एनक्यूएएस सर्टिफिकेशन प्रदान किया जाता है. राज्य स्तरीय टीम द्वारा एनक्यूएएस सर्टिफिकेशन के आकलन के दौरान सिमरी के जीएनएम किरण कुमारी अनुपस्थित पाई गई. जिसके कारण आकलन कार्य नहीं किया जा सका. इस संबंध में गत बैठक में किरण कुमारी, जीएनएम के विरुद्ध कार्रवाई करने का निर्देश दिया गया था, परंतु कार्रवाई के नाम पर खानापूर्ति की गई है. जिसे गंभीरता से लेते हुए डीएम ने पुनः सिविल सर्जन को निर्देश जारी किया कि किरण कुमारी, जीएनएम के विरुद्ध कठोर कार्रवाई करें.
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