बाहर से वॉयल खरीद कर लाने की मरीज ने की शिकायत, तो डीएम ने उपाधीक्षक से मांगा शोकॉज
जिला पदाधिकारी अंशुल अग्रवाल ने बुधवार को सदर अस्पताल का औचक निरीक्षण किया गया
बक्सर. जिला पदाधिकारी अंशुल अग्रवाल ने बुधवार को सदर अस्पताल का औचक निरीक्षण किया गया. जहां कई अनियमितता पायी. जिसके बाद स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों को फटकार लगायी. वहीं पायी गयी कमियों को सिविल सर्जन अरुण कुमार श्रीवास्तव व अस्पताल उपाधीक्षक संजय सिंह को आवश्यक कार्रवाई के लिए निर्देशित किया. वहीं सदर अस्पताल में मरीजों को मिलने वाली सुविधाओं को देखते हुए सदर अस्पताल उपाधीक्षक संजय सिंह से स्पष्टीकरण किया है. औचक रूप से पहुंचे जिला पदाधिकारी ने निबंधन काउंटर का निरीक्षण किया. रजिस्ट्रेशन काउंटर संख्या एक व दो बंद तथा अन्य काउंटर पर अत्यधिक भीड़ पाया गया. साथ ही काउंटर संख्या एक व दो के सामने अवस्थित शेड में बड़ी संख्या में भीड़ पाया. पूछताछ के क्रम में पाया गया कि यहां पहले एप में निबंधन होता है. सिविल सर्जन बक्सर को एप से नए मरीजों के निबंधन को ले अतिरिक्त कर्मियों की व्यवस्था करने का निर्देश दिया. जिससे कम समय में मरीजों का निबंधन किया जा सके. इसके साथ ही मरीजों से भी बातचीत डीएम ने किया. वहीं औचक रूप से पहुंचे डीएम को लेकर अस्पताल परिसर में अफरा-तफरी का माहौल कायम हो गया. वहीं जांच के क्रम में डीएम ने अस्पताल परिसर के कई स्थानों पर कार्टन में दवा आदि रखा हुआ पाया गया. जिसको लेकर उन्होंने इससे अस्पताल की छवि को खराब होने की बात करते हुए किसी भंडारण कक्ष में रखने एवं भविष्य में इसकी पुनरावृत्ति नहीं होने को लेकर चेतावनी दी. वहीं इसके बाद आयुष्मान कार्ड बनाने को लेकर भी समीक्षा की गयी. जिसमें सीएस को 70 से अधिक आयु वाले लोगों को आयुष्मान कार्ड बनाने को लेकर भी समीक्षा किया. दवा उपलब्धता को लेकर दिया निर्देश अस्पताल में दवा की उपलब्धता की समीक्षा की. सिविल सर्जन ने बताया कि आइपीडी में 171 दवा की तुलना में 121 दवा उपलब्ध व ओपीडी में 285 दवा की तुलना में 216 दवा उपलब्ध है. सिविल सर्जन बक्सर को निर्देश दिया कि अनुपलब्ध दवाओं की उपलब्धता अविलंब सुनिश्चित कराएंगे. उपाधीक्षक पर हुई कार्रवाई जिला पदाधिकारी द्वारा लैब की जांच की गयी. निरीक्षण के क्रम में एक व्यक्ति के द्वारा वायल नहीं होने की जानकारी दी गयी तथा यह भी बताया गया कि इसकी अनुपलब्धता के कारण बाहर से क्रय करके लाया गया है. स्थिति अत्यंत ही खेदजनक है. उपाधीक्षक के द्वारा बताया गया कि इस के लिए इंडेट किया गया है. वहीं विभिन्न बैठकों में दवा एवं जांच आदि की किट की उपलब्धता तथा आकलन कर उक्त सामग्रियों की समाप्ति के पूर्व इंडेट करते हुए ससमय प्राप्त करने का निर्देश डीएम के माध्यम से पूर्व में दिया जाता रहा है, परंतु सदर अस्पताल में वायल नहीं रहना अत्यंत ही खेदजनक है. उक्त बिंदुओं के आलोक में उपाधीक्षक सदर अस्पताल बक्सर को अपना स्पष्टीकरण समर्पित करने का निर्देश दिया गया. निरीक्षण के क्रम में एक व्यक्ति के द्वारा शिकायत की गई की लिक्विड प्रोफाइल की अस्पताल में जांच नहीं हो रही है तथा बाहर से कराने हेतु कहा जा रहा है. सदर अस्पताल में यह स्थिति अत्यंत ही खेदजनक है. सिविल सर्जन को संबंधित एजेंसी से कारण पृच्छा कर कार्रवाई करते हुए अवगत कराने का निर्देश दिया गया. साथ ही दैनिक प्रतिवेदन उपलब्ध कराने का निर्देश दिया गया कि कौन-कौन सी जांच कितने की संख्या में की जा रही है. निरीक्षण के क्रम में पाया गया कि सदर अस्पताल का निर्माणाधीन लिफ्ट का कार्य अब तक पूर्ण नहीं हुआ है. लगभग एक वर्ष पूर्व ही इसका कार्य पूर्ण हो जाना चाहिए था. अपर समाहर्ता सह जिला लोक निवारण पदाधिकारी बक्सर सह नोडल पदाधिकारी स्वास्थ्य विभाग को निर्देश दिया गया कि नियमित अनुश्रवण करते हुए लिफ्ट का अधिष्ठापन शीघ्र कराना सुनिश्चित करेंगे.
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