रैयतों ने जिलाधिकारी को दिया था आवेदन बक्सर. आये दिन सुर्खियों में बने रहना डीटीओ कार्यालय रैयती भूमि को सरकारी बताकर बिना एनओसी लिये इटाढ़ी प्रखंड के हकीमपुर में ऑटोमेटिक टेस्टिंग ड्राइविंग कार्यालय का भवन बनवा लिया है. एक मंजिला भवन बनकर तैयार है. प्राक्कलन बोर्ड नहीं लगा कि कितने रुपये की लागत से भवन का निर्माण कार्य कराया गया है. भवन को बने तकरीबन चार माह गुजर गये हैं. परिवहन विभाग का ऑटोमेटिक टेस्टिंग ड्राइविंग कार्यालय हकीमपुर के रैयत राजेंद्र कुमार पाठक की भूमि पर जिला परिवहन विभाग के द्वारा लाखों रुपये की लागत से बिना सीओ के जांच प्रतिवेदन के बना दिया गया है.
सीओ का मानना है कि भवन निर्माण के लिए एनओसी नहीं लिया गया है. मजेदार बात यह है कि रैयती भूमि को सरकारी बता कर भवन का निर्माण करा दिया गया है. छह दिसंबर, 23 को ऑटोमेटिक टेस्टिंग ड्राइविंग कार्यालय के निर्माण के खिलाफ रैयतों ने जिलाधिकारी को आवेदन दिया था. आवेदन के आलोक में जांच का आदेश दिया गया था, मगर जिला परिवहन विभाग के द्वारा आज तक जांच लंबित रखते हुए उक्त आदेश की अनदेखी कर दी गयी. यही नहीं बिना अभिलेख संधारित किये और जमीन को चिह्नित किये डीटीओ कार्यालय द्वारा भवन का निर्माण करा दिये जाने पर विभाग पर ही अब सवाल खड़ा हो गया है. भवन निर्माण को लेकर विभाग कठघरे में आ गया है.क्या कहते हैं पदाधिकारी
मुझे इसकी जानकारी नहीं थी, लेकिन अब हुई है. इसकी जांच करायी जायेगी. अगर निजी भूमि में ड्राइविंग कार्यालय बना दिया गया है, तो रैयत को जमीन के बदले मुआवजा दिया जायेगा. इस संदर्भ में विभाग की जो भी गाइडलाइन प्राप्त होगी, वैसा किया जायेगा.
संजय कुमार, डीटीओ, बक्सरडिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है