10-12 वर्ष के बच्चों में नशीले पदार्थ सेवन करने की लगी लत
प्रखंड के विभिन्न गांव में अधिकतर युवा पीढ़ी इन दिनों नशीले पदार्थ के गिरफ्त में आ गए हैं.
राजपुर. प्रखंड के विभिन्न गांव में अधिकतर युवा पीढ़ी इन दिनों नशीले पदार्थ के गिरफ्त में आ गए हैं. जिसे देख कम उम्र के बच्चे भी सुलेशन पीना शुरू कर दिए हैं. पढ़ाई में कम दिलचस्पी लेने वाले 10- 12 वर्ष तक के बच्चे सुलेशन का काफी शिकार हो चुके हैं. बात करें युवाओं की तो मजदूर वर्ग के युवा काम के साथ गांजा, हीरोइन एवं कई ऐसे मादक पदार्थों का सेवन कर रहे हैं. सरकार के फरमान पर पुलिस लगातार जांच चलाती है. फिर भी इसका असर इन लोगों पर नहीं दिख रहा है. परिवार के सदस्य भी इन युवाओं से काफी परेशान है. इस समस्या से परेशान परिजनों का कहना है कि अगर सरकार इन बच्चों को सुधारने के लिए कोई जगह सुरक्षित करें तो यहां रखकर सुधारने की कोशिश की जा सकती है.डांट फटकार के बाद यह बच्चे घर से दूर भाग कर परिजनों को ही तंग कर रहे हैं.अत्यंत पिछड़ी जाति व अनुसूचित जाति बस्ती के अधिकतर बच्चे इसकी गिरफ्त में है. सरकार शिक्षा के माहौल को बनाने के लिए इन बस्तियों में टोला सेवक की बहाली भी किया है. फिर भी इसका असर बहुत कम दिखता है.महादलित बस्ती के अधिकतर कम उम्र के बच्चे भी धड़ल्ले से सुलेशन पी रहे हैं. स्टेशनरी दुकान एवं जेनरल स्टोर की दुकान पर पूछे जाने पर नाम नहीं छापने की शर्त पर दुकानदारों ने बताया कि लिखे जाने वाला व्हाइटनर भी लोग खरीद कर ले जाते हैं.जिसमें सुलेशन की मात्रा मिला होता है. किराना दुकान पर अन्य कामों के लिए रखे गए सुलेशन धड़ल्ले से बिक रहा है.शिक्षा की अलख जगाने के लिए समय-समय पर संबंधित स्कूल के शिक्षकों के नेतृत्व में जागरूकता रैली भी निकाली जाती है. फिर भी इसका असर कम दिख रहा है. क्षेत्र के बुद्धिजीवी, शिक्षक धनंजय मिश्र, पूर्व बीआरपी विनोद पांडेय, समाजसेवी संजय कुमार ने बताया कि इसके लिए परिवार के सदस्य भी काफी दोषी हैं. नशे की लत पकड़ते ही इन बच्चों को समाज के मुख्यधारा में लाने का प्रयास नहीं किया जाता है. समाजसेवी व बुद्धिजीवी अपने स्तर से काफी प्रयास करते हैं. फिर भी यह बच्चे चोरी-छिपे नशे का सेवन कर रहे हैं.
क्या बोले अधिकारीनशा मुक्त गांव बनाने के लिए गांव के बुजुर्गों को युवाओं पर अधिक ध्यान देने की जरूरत है. किसी युवक पर ध्यान नहीं देने से वह समाज की मुख्य धारा से फिसल रहे हैं. जिन्हें समझाकर सुधारने की जरूरत है. शिक्षा पर विशेष ध्यान देना है. इसके लिए अभियान चलाया जा रहा है. सार्वजनिक स्थलों पर इसका सेवन करने वाले एवं बेचने वालों पर जुर्माना भी लगाया जायेगा. सिद्धार्थ कुमार, प्रखंड विकास पदाधिकारी राजपुर
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