हजारों खर्च के बाद भी अंडे की नहीं हो रही खपत

राजपुर : पारंपरिक खेती से आधुनिक कृषि की ओर मुड़े किसानों द्वारा आर्थिक आमदनी बढ़ाने के लिए पॉल्ट्री फार्म खोल मुर्गीपालन कर रहे किसानों के सामने चिंता बढ़ गयी है. राजपुर क्षेत्र में इस तरह के कई किसान हैं जो बड़े-बड़े पॉल्ट्री फार्म खोल कर अपनी आर्थिक उन्नति कर रहे हैं. विगत एक महीने से […]

By Prabhat Khabar News Desk | April 11, 2020 1:18 AM

राजपुर : पारंपरिक खेती से आधुनिक कृषि की ओर मुड़े किसानों द्वारा आर्थिक आमदनी बढ़ाने के लिए पॉल्ट्री फार्म खोल मुर्गीपालन कर रहे किसानों के सामने चिंता बढ़ गयी है. राजपुर क्षेत्र में इस तरह के कई किसान हैं जो बड़े-बड़े पॉल्ट्री फार्म खोल कर अपनी आर्थिक उन्नति कर रहे हैं. विगत एक महीने से लॉकडाउन हो जाने के बाद लोगों में महामारी के भय से इसकी खरीद पर ब्रेक लग गया है. आमजनों के बीच भय का माहौल बना हुआ है. इससे पॉल्ट्री फार्म किसानों के समक्ष काफी चिंता का विषय बन गया है.

राजपुर के प्रगतिशील किसान मिथिलेश पासवान ने बताया कि इनके मुर्गी फार्म हाउस में लगभग हजारों मुर्गियां पाली गयी हैं जो प्रत्येक दिन सैकड़ों की तादाद में अंडे दे रही हैं. बाजार में मांग नहीं होने से इसका स्टोर करके रखा जा रहा है. आमजनों के बीच सही जानकारी देने पर भी लोग खरीदारी नहीं कर रहे हैं. इन मुर्गियों की रखरखाव पर प्रत्येक दिन हजारों रुपये का खर्च आ रहा है.

प्रतिदिन इनके चारे पर 10 हजार रुपये एवं प्रतिमाह मजदूर के लिए 10 हजार रुपये खर्च किये जा रहे हैं. फिर भी इसकी लागत खर्च भी नहीं वसूल आ रहा है. इससे काफी परेशानी बढ़ गयी है. इनके द्वारा क्षेत्र के तियरा, ईसापुर, संगराव, भलुहा सहित अन्य बाजारों में जाकर इसकी खरीदारी करने वाले दुकानदारों के बीच जागरूकता अभियान चलाया गया कि इसके खाने से बीमारी नहीं फैल रही है. फिर भी लोग मानने को तैयार नहीं हैं.

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