राजपुर :- लोकसभा चुनाव को लेकर क्षेत्र के लिए गठबंधन और महागठबंधन के दिग्गज नेताओं के द्वारा जनसंपर्क करने के बाद गांव की चौपाल पर चुनावी सरगर्मी तेज हो गई है. खेत खलिहान में काम करते वक्त किसानों के बीच विकास के मुद्दे को लेकर चर्चा हो रही है.रोहिणी नक्षत्र में धान का बिचड़ा डालने की तैयारी भी शुरू हो गयी है. किसानों ने भारी मन से कहा कि सरकार की योजनाएं भले ही लागू कर दी गई हो लेकिन उसका सच गांव तक अभी नहीं दिख रहा है. किसानों के लिए समय पर धान की खरीद और गेहूं की खरीद के लिए खोले गए क्रय केंद्र पर कभी भी इसकी खरीद नहीं की जाती है. जिसके कारण किसानों को औने- पौने दाम पर फसल को बेचने पर मजबूर हो जाते हैं .विगत एक माह पहले विभाग द्वारा गेहूं की खरीद के लिए रेट तो जारी कर दिया गया. अभी तक लक्ष्य के अनुरूप गेहूं की खरीद नहीं हुई है. इस संबंध में क्षेत्र के अकोढ़ी गांव के किसान श्रीराम मौर्य ,कोनौली के अंकित सिंह ने किसानों की तरफ से बात रखते हुए कहा कि किसानों के हर खेत तक अभी भी बिजली नहीं पहुंचा है.यूरिया खाद हो या अन्य कोई खाद इसकी जमकर कालाबाजारी होती है. किसान हमेशा ठगे जा रहे हैं. फसलों की सिंचाई के लिए कभी भी समय पर पानी नहीं आता है.संगराव के किसान रिंकू सिंह,मंगराव के किसान विमल राय ने कहा अभी तक निकृष पम्प कैनाल चालू नहीं हुआ.खेतों को पानी की जरूरत है.किसान हर तरह से परेशान हैं .इन किसानों की समस्या को सुनने वाला कोई नहीं है. इसी तरह की बात कई अन्य किसान भी करते हैं .फिर भी इस चुनावी सरगर्मी में जातीय समीकरण के चलते मतदाताओं का वोट इधर से उधर तो हो रहा है. विकास नहीं होने के कारण दिग्गज नेताओं के लोक लुभावन बातों के बाद भी मतदाताओं में भी कोई खास उत्साह नहीं है.
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