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बिना मीटर के 800 घरों में जल रही बिजली

जिले में विद्युत मीटरों की कमी के कारण आम विद्युत उपभोक्ताओं को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है

बक्सर. जिले में विद्युत मीटरों की कमी के कारण आम विद्युत उपभोक्ताओं को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. जिसके कारण उनके घरों में विद्युत कनेक्शन नहीं मिल पा रहा है. शहरी क्षेत्र के उपभोक्ताओं के घरों में स्मार्ट प्रीपेड मीटर लगाने की गति धीमी है. इन दिनों 17 माह में मात्र 12 हजार 500 घरों में लगा स्मार्ट मीटर विभाग ने लगाया है. जबकि 34 हजार घरों में लगाना है. स्मार्ट प्रीपेड मीटर शहरी क्षेत्र में 2023 फरवरी माह में ही स्मार्ट प्रिपेड मीटर लगाने के काम शुरू हुआ था. लेकिन अभी तक 50 प्रतिशत घरों में भी नहीं लग पाया है. जिसके कारण मीटर का इंतजार कर रहे उपभोक्ताओं को विद्युत की जरूरतें पूरा नहीं हो पा रहा है. शहरी क्षेत्र में स्मारर्ट प्रीपेड मीटर लगाने का जिम्मेदारी एसएल कंपनी को दिया गया है. अभियान शुरू होने के 18 माह बाद भी यह रफ्तार में तेजी नहीं आ पाई है. जिसका नतीजा है कि अब तक जिले में तकरीबन 12 हजार 500 घरों में ही स्मार्ट प्रीपेड मीटर लग सका है. जिसमें नये उपभोक्ता और पुराने उपभोक्ता दोनों शामिल हैं. जबकि 4 फरवरी को तत्कालीन जिलाधिकारी अमन समीर ने समाहरणालय स्थित जीविका दीदीयों की रसोई घर से कार्यक्रम आयोजित कर इसका शुभारंभ किया था. इस मौके पर विद्युत विभाग के तमाम अधिकारी उपस्थित थे. बतादें कि जिले के बक्सर और डुमरांव शहरी क्षेत्र के कुल 34 हजार उपभोक्ताओं के घरों में प्रीपेड मीटर लगाने का लक्ष्य पहले चरण में निधारित है. जिसमें बक्सर शहरी क्षेत्र में कुल उपभोक्ताओं की संख्या 25 हजार और और डुमरांव क्षेत्र में कुल उपभोक्ताओं की संख्या 10 हजार बताया जाता है. इसके बाद द्वितीय चरण में ग्रामीण क्षेत्र में भी प्रीपेड मीटर लगाया जायेगा, विद्युत विभाग से मिली सूत्रों के अनुसार बिजली कंपनी ने एसएल कंपनी को उपभोक्ताओं के घरों में स्मार्ट प्रीपेड मीटर लगाने का जिम्मा सौंपा है. हालांकि बिजली कंपनी इसके लिए मूल रूप से ईडीएफ विदेशी कंपनी के साथ स्मार्ट प्रीपेड मीटर लगाने के लिए करार किया है. ईडीएफ कंपनी ने एस एल कंपनी को इसका ठेका दिया है, मगर अभी तक बक्सर में आठ हजार पांच सौ और डुमरांव में तकरीबन चार हजार उपभोक्ताओं के यहां स्मार्ट प्रीपेड मीटर लगा है.

तीन माह से विभाग के पास नहीं है प्रीपेड मीटर

विभाग के पास लगभग तीन माह से स्मार्ट प्रीपेड नहीं होने के कारण नये उपभोक्ताओं को कनेक्शन नहीं मिल पा रहा है. जबकि नये 700 से ज्यादा की संख्या में उपभोक्ता आवेदन देकर विद्युत कनेक्शन के लिए इंतजार कर रहे है. जिन्हें जिले में मीटर नहीं होने से परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. उन्हेे विद्युत कनेक्शन नहीं मिल पा रहा है. शहर में नया कनेक्शन लेने वाले उपभोक्ताओं को कनेक्शन के लिए विभाग का चक्कर लगाना पड़ रहा है. शहर के निवासी युवा नेता विवेक सिंह ने कहां कि विधुत विभाग में स्मार्ट प्रीपेड नहीं होने के कारण नया कनेक्शन नहीं मिल पा रहा है. वहीं विभाग से अनियमित तौर पर कभी एक सौ तो कभी दो सौ जिले में मीटर की सप्लाई की जाती है. जिसके कारण समय से उपभोक्ताओं को मीटर नहीं मिल पा रहा है. जिसके कारण एजेंसी के अधिकारी मोटी रकम पहले लगवाने वाले उपभोक्ताओं से देनी पड़ रही है.

800 घरों का है स्मार्ट मीटर खराब हो गया है

शहर के 34 हजार में अभी तक लगभग 13 हजार घरों में लगाया गया स्मार्ट प्रीपेड मिटर उसमें से 800 उपभोक्ताओं का स्मार्ट मीटर खराब हो गया है. जिसके वजह से उपभोक्ताओं को विद्युत विभाग के मनमानी बिल भेज कर उनसे लिया जा रहा है. जबकि मिटर खराब होने और बदलने के प्रतिरोज उपभोक्ता विभाग में आवेदन और फोन के माध्यम से सूचना देते हैं लेकिन मिटर के अभाव में मिटर बदला नहीं जाता है.

तीन से चार माह में 700 से उपर उपभोक्ता नया कनेक्शन के लि दिऐ आवेदन

शहर के तीन से चार माह से 700 से उपर उपभोक्ता नया कनेक्शन के लिऐ आवेदन दिऐ है . जबकि उनकी कागजात संबंधी सारी प्रक्रिया कर ली गई लेकिन मिटर के अभाव में उन सभी को कनेक्शन नहीं दिया जा रहा है . प्रतिदिन उपभोक्ता मिटर आने की सूचना के लिऐ विभाग कि चक्कर लगा रहे हैं ताकि मिटर आऐ तो मेरा कनेक्शन हो जाऐ . कंपनी के डिवीजन इंचार्ज अमित कुमार मैनेजर ने बताया कि स्मार्ट प्रीपेड मीटर की क्राइसिस है. हालांकि कुछ प्रीपेड मीटर अभी मिला है. मगर जिस अनुपात में प्रीपेड मीटर लगाने के लिए आवेदन प्राप्त ही रह है, उस अनुपात से प्रीपेड मीटर नहीं मिल पा रहा है. लगने के कुछ माह बाद ही बक्सर में खराब हुआ 800 प्रीपेड स्मार्ट मीटर .

क्या कहते हैं प्रोजेक्ट मैनेजर

तीन फेज कनेक्शन का मीटर पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध है. एक फेज कनेक्शन का मीटर उपलब्ध नहीं है. प्रीपेड पेड स्मार्ट मीटर लगाने के लिए उपभोक्ताओं की ओर से लगातार दवाव है. मगर स्मार्ट मीटर उपलब्ध नहीं होने के कारण उनकी मांग पूरी नहीं हो पा रहा है. शाश्वत कुमार, प्रेजेक्ट मैनेजर एसएल बक्सर.

डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

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