फाइल-3-किसान चौपाल में मोटे अनाज की खेती पर दिया गया जोर
Emphasis was given on the cultivation of coarse grains in Kisan Chaupal
फ़ोटो-6- चौपाल में भाग लेते किसान राजपुर. प्रखंड के बारुपुर पंचायत के उत्तमपुर गांव व हेठुआ गांव में कृषि विभाग आत्मा के तरफ से किसान चौपाल लगाया गया. किसानों को जानकारी देते हुए कृषि विशेषज्ञों ने बताया कि जलवायु में हो रहे परिवर्तन एवं स्वास्थ्य पर पड़ रहे प्रतिकूल प्रभाव से बचने के लिए अब किसानों को मोटे अनाज की खेती करना होगा. मोटे अनाज के खाने से शरीर भी स्वस्थ रहेगा. वहीं जलवायु परिवर्तन से हो रहे भूमिगत जल के दोहन को भी बचाया जा सकता है. इस बार क्षेत्र के लिए मोटे अनाज में ज्वार, बाजरा, मड़वा, मक्का की खेती के लिए लक्ष्य तय किया गया है. जिस लक्ष्य के अनुरूप किसानों को अनुदानित दर पर बीज भी उपलब्ध कराया जायेगा. खरीफ फसल में धान की खेती करने वाले किसानों को खेती करने से पूर्व खेतों में पानी की मात्रा, खाद का छिड़काव एवं खरपतवार नियंत्रण पर भी जानकारी दी गयी. खरपतवार नियंत्रण के लिए इन्होंने बताया कि रासायनिक दवा का छिड़काव के बदले वेस्ट डी कंपोजर का इस्तेमाल करें. जिससे खेतों में अनावश्यक घास सड़कर खाद का काम करेंगे.धान की नर्सरी तैयार करने से पूर्व बीज को सही तरीके से उपचारित कर खेतों में छिड़काव करें. इससे नर्सरी के पौधों की जड़ों में किसी प्रकार की बीमारी लगने की संभावना नहीं रहती है.मानसून की सक्रियता होने से इस बार झमाझम हो रही बारिश से धान के बिचड़े भी स्वस्थ है. अगर समय पर खेतों में पानी उपलब्ध है तो इसकी जुताई कर रोपनी का काम शुरू करेंगे. तापमान में उतार-चढ़ाव होने पर इसमें कई प्रकार की बीमारी भी लगने की संभावना है. इससे पूर्व किसानों को सचेत रहने की भी जरूरत है. किसी प्रकार की बीमारी लगने पर कृषि वैज्ञानिकों के सलाह पर ही इसमें दवा का छिड़काव करेंगे. इस मौके पर एटीएम योगेश मिश्रा, अभिषेक कुमार, किसान सलाहकार ऋषिमुनि सिंह, किसान दीनबंधु पासवान, रमेश सिंह, राजेश्वर सिंह, हरे राम सिंह, शशिकांत सिंह के अलावा अन्य लोग मौजूद रहे.
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