भारत बंद के कारण एक घंटे तक बक्सर स्टेशन पर रूकी रही फरक्का एक्सप्रेस, न्यायिक पदाधिकारी को भी नहीं बख्शे

सुप्रीम कोर्ट का एससी-एसटी आरक्षण में क्रीमी लेयर लागू करने के फैसले के खिलाफ बुधवार को दलित संगठनों के कार्यकर्ता सड़क पर उतर आए.

By Prabhat Khabar News Desk | August 21, 2024 10:28 PM

बक्सर.

सुप्रीम कोर्ट का एससी-एसटी आरक्षण में क्रीमी लेयर लागू करने के फैसले के खिलाफ बुधवार को दलित संगठनों के कार्यकर्ता सड़क पर उतर आए. दलित संगठनों के राष्ट्रव्यापी आह्वान पर आहूत भारत बंद के समर्थन में विभिन्न राजनीतिक दलों के नेता व कार्यकर्ता भी प्रदर्शन में शिरकत कर रहे थे. जिसका असर बक्सर में भी देखने को मिला. इसके तहत बंद समर्थक शहर स्थित अंबेडकर चौक को जाम कर यातायात अवरुद्ध कर दिए. जिससे वाहनों का परिचालन ठप होने से लंबी कतारें लग गयीं. प्रदर्शनकारियों द्वारा शहर में खुली दुकानों को भी बंद कराया गया और स्थानीय रेलवे स्टेशन स्थित ट्रैक को जाम कर फरक्का एक्सप्रेस को रोक दिया गया. जिससे फरक्का एक्सप्रेस तकरीबन एक घंटे तक ठहरी रही. इस बीच आरपीएफ इंसपेक्टर जवानों के साथ मौके पर पहुंचकर समझा- बुझाकर प्रदर्शनकारियों को ट्रैक से हटाया. इसके बाद ट्रेनों का परिचालन शुरू हुआ. सड़कों पर जाम के दौरान न्यायिक पदाधिकारी को भी लौटा दिया गया और इसका खामियाजा जिलाधिकारी अंशुल अग्रवाल को भी भुगतना पड़ा. बंद के दौरान विधि-व्यवस्था बनाये रखने हेतु पुलिस व प्रशासनिक अधिकारी मुस्तैद रहे. सुरक्षा को लेकर रेलवे स्टेशन से लगायत बस स्टैंड पर भी पुलिसिया चौकसी बढ़ायी गयी थी और चौक-चौराहों पर ट्रैफिक पुलिस निगरानी कर रही थी. भारत बंद का व्यापक असर न्यायालय पर भी देखने को मिला जहां एक तरफ बहुत अधिवक्ता एवं पक्षकार उपस्थित नहीं हुए. वहीं कई न्यायालयों में पुकार के बाद भी लोग उपस्थित नहीं हो सके. बंद समर्थकों ने न्यायाधीशों के गाड़ियों को भी रोक रखा. जिसके चलते हैं न्यायिक एवं सरकारी कार्यों में बाधा उत्पन्न हुई. बताते चलें कि अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश विजेंद कुमार की गाड़ी के चारों तरफ बंद समर्थकों ने अंबेडकर चौक के पास नारेबाजी के साथ तब रोक रखा. जब वे न्यायिक कार्यों को निष्पादित करने के लिए न्यायालय जा रहे थे, उनके अंगरक्षकों ने समर्थकों को बहुत समझाया लेकिन वह अड़े रहे. जिससे उनकी गाड़ी घंटे जाम में खड़ी रही.

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